अगली ख़बर
Newszop

Bihar Election 2025: लखीसराय का 'किला', डिप्टी सीएम की कुर्सी, चुनावी जंग में जीत की उम्मीद लिए विजय सिन्हा

Send Push
लखीसराय/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। चुनावी महाभारत में एनडीए खेमे से डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा एक योद्धा की तरह मैदान में डटे हैं। लखीसराय से पटना तक, मीटिंग रूम से सड़क तक, टिकट की होड़ से मतदाता संवाद तक विजय सिन्हा मुस्तैद हैं। बीजेपी की रणनीति, आरएसएस के सिद्धांतों का दमदार प्रचार और बिहार के सियासी तापमान का पूरा ग्राफ लिए विजय सिन्हा ऐक्टिव हैं।





पटना के चुनावी मंथन में शामिल विजय सिन्हालगभग रोजाना शाम ढलते-ढलते पटना के 3 स्ट्रैंड रोड स्थित विजय सिन्हा के सरकारी आवास पर हलचल मच जाती है। दिनभर की मीटिंग से जुड़ी व्यस्तता के बाद विजय सिन्हा सरकारी आवाच लौटते हैं। एनडीए चुनाव समिति की बैठक के बाद सबको जानने की इच्छा हुई कि बीजेपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कितने का टिकट फाइनल हुआ है। सबके मन में किसी न किसी सीट का नाम भी चल रहा है। मनपसंद उम्मीदवार के बारे में जानकारी भी चाहिए। मगर, बिना कुछ कहे विजय कुमार सिन्हा मुस्कुराते हुए, अभिवादन स्वीकारते हुए विक्ट्री साइन दिखाते हैं। कहते हैं, 'जीत होगी, दोबारा हम सरकार बनाएंगे। आप सब जुट जाइए।'





सियासी गहमागहमी के बीच मीडिया वालों का भी डिप्टी सीएम विजय सिन्हा होशियारी से सामना करते हैं। कॉन्फ्रेंस हॉल में पत्रकारों की काफी भीड़ है, लोग भी उसी में मौजूद रहते हैं। लोगों की ओर मुखातिब होकर विजय सिन्हा कहते हैं, 'महागठबंधन सपनों की चाय बेच रहा है, हम विकास की नींव रखेंगे।' आरएसएस के सिद्धांतों को मजबूती से व्यक्त करते हुए वो कहते हैं, 'हिंदुत्व सिर्फ नारा नहीं, सेवा का माध्यम है। बिहार के हर गांव में संघ की शाखा पहुंचेगी, ताकि युवा राष्ट्र निर्माण में लगें।'





विजय सिन्हा के पास टिकटार्थी काफी तादाद में पहुंचते हैं। एक युवा, राकेश सिंह (मुंगेर से), हाथ जोड़कर कहते हैं, 'साहब, टिकट मिला तो कोई कोर कसर बाकी नहीं रखूंगा। एनडीए को मजबूत करूंगा।' विजय सिन्हा हरेक से 5-10 मिनट बात करते, नोट्स लेते। वैसे टिकट की आस लिए आने वालों से कहते हैं, 'टिकट योग्यता पर मिलेगा, न कि दबाव पर।'





पटना से लखीसराय पर विजय सिन्हा की पैनी नजरबीच-बीच में फोन पर लखीसराय के कार्यकर्ताओं के रेगुलर टच में विजय सिन्हा रहते हैं। फिर उन्होंने कहा कि लखीसराय पहुंचना है, मतदाताओं से मिलना जरूरी है। आलम ये कि रात 11 बजे तक मिलने वालों का तांता लगा रहता है। कोई पत्रकार है तो कोई शुभचिंतक। कोई निमंत्रण देने आया है तो किसी को बाइट चाहिए या फिर किसी कॉन्क्लेव में न्योता देना है। वैसे, विजय सिन्हा सुबह तड़के उठने वाले नेता हैं। योग करते हैं। स्नान-ध्यान करते हैं। उनका मानना है कि राजनीति सेवा है, आरएसएस ने यही सिखाया- व्यक्तिगत सुख से ऊपर राष्ट्र।'





पटना से बाय रोड ढाई घंटे में लखीसराय। 135 किमी की दूरी। औंटा-सिमरिया पुल ने दूरी को 100 किमी छोटा कर दिया है। मोकामा से सिमरिया (बेगूसराय) तक गंगा नदी पर बना एशिया का सबसे चौड़ा 6-लेन केबल-स्टे ब्रिज है। अगस्त 2025 में इसका उदघाटन हुआ। इससे पुराने पुल पर दबाव कम हुआ है। लखीसराय में विजय सिन्हा किसी न किसी चाय दुकान पर जरूर रुकते हैं। चायवाले चाचा से गपशप होती है, 'चुनाव में क्या मुद्दा है?' चाय वाले चाचा बोलते हैं, 'साहब, सड़कें, बिजली... आपकी ही बदौलत तो आईं।' विजय सिन्हा जी हंसते हैं, 'ये तो शुरुआत है, NDA आएगा तो लखीसराय बनेगा मॉडल जिला।'





लखीसराय शहर ही नहीं यहां गावों का भी विजय सिन्हा पूरा ख्याल रखते हैं। बड़हरिया गांव में 200 मतदाताओं से उन्होंने संवाद किया। खास बात ये कि डिप्टी सीएम के आने की पहले से लोगों को खबर रहती है। दलित-महादलित परिवारों के बीच बैठकर आरएसएस के 'सेवा भारती' प्रोजेक्ट पर चर्चा होती है। इसी दौरान एक विधवा महिला ने कहा, 'साहब, आपकी सरकार ने पेंशन पहुंचाई, वरना भूखे मरते।' फिर विजय सिन्हा ने कहा, 'लखीसराय मेरा परिवार है, यहां का हर वोट मेरा सम्मान।' जिस एरिया में जाते हैं वहां के स्कूल इंस्पेक्शन और स्वास्थ्य केंद्र विजिट भी करते हैं।





'चुनाव जंग है, लेकिन विजय सत्य की होगी'चुनावी मौसम में पत्रकारों की भीड़ भी नेताओं के इंतजार में रहती है। लखीसराय सर्किट हाउस परिसर में ही पत्रकारों से विजय सिन्हा मुखातिब हुए। उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर तंज करते हुए कहा, 'लालू जी धृतराष्ट्र बने हैं, बेटे के प्यार में अंधे। बिहार को '6 और 11' का डर नहीं, विकास का सपना चाहिए।' फिर मिलने आए लोगों से आवेदन लेते हुए, कुशल क्षेम पूछते हुए अपने कमरे में पहुंचते हैं। लखीसराय के डीएम भी डिप्टी सीएम के साथ दिखे। बीते दिनों बड़हिया में हुई हत्या के मामले में पीड़िता के परिजनों को मुआवजे की राशि के भुगतान की बाबत उन्होंने आइडिया लिया। फिर लखीसराय से पटना लौट गए।





बीजेपी के सीनियर नेता होने के साथ विजय सिन्हा राज्य के डिप्टी सीएम हैं तो कई सरकारी काम भी निपटाने होते हैं। लिहाज, एक पल की फुर्सत नहीं रहती। एक के बाद एक कॉल। हर कॉल में निर्देश। कभी अफसरों को, कभी कार्यकर्ताओं को। आजकल टिकट के बारे में ज्यादा बातचीत होती है। सिफारिश के भी कॉल आते हैं। सबको अपने-अपने हिसाब से जवाब देते हुए व्यस्त रहते हैं।





विजय सिन्हा के लिए सम्मान निजी जीवन में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। वो कहते हैं, 'जितना सार्वजनिक जीवन में, व्यक्तिगत ही नहीं पार्टी का सम्मान भी वैसे ही आवश्यक है। इससे समझौता नहीं हो सकता। चुनाव जंग है, लेकिन विजय सत्य की होगी।'

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें