ग्रेटर नोएडा: यमुना अथॉरिटी के रुके पड़े टाउनशिप प्रॉजेक्टों को पूरा करने की कवायद तेज हो गई है। कोर्ट में लंबित 6 प्रॉजेक्टों का विशेषज्ञ कंपनी से ऑडिट कराया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि प्रॉजेक्ट कैसे पूरे होंगे। अथॉरिटी खुद इन प्रॉजेक्टों को पूरा करने के लिए तैयार है। इनके कंप्लीट होने से 6 हजार से अधिक घर खरीदारों को राहत मिलेगी।
यमुना अथॉरिटी ने कई साल पहले रेजिडेंशल टाउनशिप के लिए 13 आवंटन किए थे। इनमें से 6 प्रॉजेक्ट अदालत में लंबित हैं। बिल्डर का बकाया समेत कई ऐसे बिंदु हैं, जिनके चलते समाधान नहीं हो पा रहा है। अब यमुना अथॉरिटी ने इन प्रॉजेक्टों को पूरा कराने की तैयारी शुरू की है। इसके तहत, पहले कैरी एंड ब्राउन संस्था से इन प्रॉजेक्ट का ऑडिट कराया जाएगा।
इससे यह पता चलेगा कि इनमें कितना पैसा लगा, कितना पैसा बायर्स से लिया गया, अगर पैसा पूरा नहीं लगा तो वह कहां गया, प्रॉजेक्ट में अभी कितनी यूनिट बिकी है। साथ ही प्रॉजेक्ट को पूरा करने में कितना पैसा लगेगा, यह भी जानकारी मिल जाएगी। अगर प्रॉजेक्ट पूरा करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आती है तो अथॉरिटी खुद इस काम को अपने हाथ में लेगी।
कोर्ट को बताएंगे, कैसे किया जाएगा काम
टाउनशिप के ये प्रॉजेक्ट आधे अधूरे हैं। कहीं पर किसानों के साथ मसला अटका है तो कहीं बिल्डर का बकाया है। किसी प्रॉजेक्ट को 100 एकड़ जमीन दी गई है तो उसमें से कुछ पर किसानों का कब्जा है। कुछ प्रॉजेक्ट में काम भी हुआ है, लेकिन वे पूरे नहीं हुए।
अधूरे प्रॉजेक्ट में खरीदार भी कम मिलते हैं। अथॉरिटी इन प्रॉजेक्टों को पूरा करने के लिए अदालत भी जाएगी। बताएगी कि किस तरह से प्रॉजेक्ट पूरे होंगे। अथॉरिटी अपना एक्शन प्लान भी बताएगी, ताकि घर खरीदारों को राहत मिल सके। इन 6 प्रॉजेक्ट में 6 हजार से अधिक घर खरीदार फंसे हैं। परियोजनाओं के पूरा होने से सभी को राहत मिल सकेगी।
यमुना एक्सप्रेस न्यायिक विकास
नोएडा अथॉरिटी ने ब्रिक राइज प्रॉजेक्ट के 450 फ्लैटों के लिए कंडीशनल ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (OC) जारी करने से पहले खेल सुविधाओं का हिसाब मांगा है। अथॉरिटी ने नोटिस जारी कर बिल्डर से पूछा है कि प्लानिंग और बायर्स से किए गए वादे के अनुसार, प्रॉजेक्ट में जो खेल सुविधाएं देनी थीं, उनकी क्या स्थिति है? एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि बिल्डर का जवाब आने के बाद ही अथॉरिटी ओसी जारी करने पर विचार करेगी। इस मामले में पिछले दिनों आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अथॉरिटी ने अपने बोर्ड में अध्ययन कर लिया था। फिर निर्णय लिया गया कि कंडीशनल ओसी तभी
टाउनशिप प्रॉजेक्टों को पूरा कराने के लिए पहले उनका विशेषज्ञ एजेंसी से ऑडिट कराया जाएगा। ताकि, यह पता चल सके कि प्रॉजेक्ट वाइबल है या नहीं। इनके पूरा होने से घर खरीदारों को राहत मिलेगी।
OC के लिए बिल्डर से मांगा प्रॉजेक्ट में खेल सुविधाओं का ब्योरा जारी की जा सकती है, जब बिल्डर ने प्रॉजेक्ट में कंडीशन पूरी की हो। इसी वजह से खेल सुविधाओं का हिसाब मांगा गया है। खास बात यह है कि नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें ओसी जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीधे अथॉरिटी को बोला है। 6 टावरों में 450 फ्लैट तैयार हैं। इनका पजेशन बिल्डर को शुरू करना है।
यमुना अथॉरिटी ने कई साल पहले रेजिडेंशल टाउनशिप के लिए 13 आवंटन किए थे। इनमें से 6 प्रॉजेक्ट अदालत में लंबित हैं। बिल्डर का बकाया समेत कई ऐसे बिंदु हैं, जिनके चलते समाधान नहीं हो पा रहा है। अब यमुना अथॉरिटी ने इन प्रॉजेक्टों को पूरा कराने की तैयारी शुरू की है। इसके तहत, पहले कैरी एंड ब्राउन संस्था से इन प्रॉजेक्ट का ऑडिट कराया जाएगा।
इससे यह पता चलेगा कि इनमें कितना पैसा लगा, कितना पैसा बायर्स से लिया गया, अगर पैसा पूरा नहीं लगा तो वह कहां गया, प्रॉजेक्ट में अभी कितनी यूनिट बिकी है। साथ ही प्रॉजेक्ट को पूरा करने में कितना पैसा लगेगा, यह भी जानकारी मिल जाएगी। अगर प्रॉजेक्ट पूरा करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आती है तो अथॉरिटी खुद इस काम को अपने हाथ में लेगी।
कोर्ट को बताएंगे, कैसे किया जाएगा काम
टाउनशिप के ये प्रॉजेक्ट आधे अधूरे हैं। कहीं पर किसानों के साथ मसला अटका है तो कहीं बिल्डर का बकाया है। किसी प्रॉजेक्ट को 100 एकड़ जमीन दी गई है तो उसमें से कुछ पर किसानों का कब्जा है। कुछ प्रॉजेक्ट में काम भी हुआ है, लेकिन वे पूरे नहीं हुए।
अधूरे प्रॉजेक्ट में खरीदार भी कम मिलते हैं। अथॉरिटी इन प्रॉजेक्टों को पूरा करने के लिए अदालत भी जाएगी। बताएगी कि किस तरह से प्रॉजेक्ट पूरे होंगे। अथॉरिटी अपना एक्शन प्लान भी बताएगी, ताकि घर खरीदारों को राहत मिल सके। इन 6 प्रॉजेक्ट में 6 हजार से अधिक घर खरीदार फंसे हैं। परियोजनाओं के पूरा होने से सभी को राहत मिल सकेगी।
यमुना एक्सप्रेस न्यायिक विकास
नोएडा अथॉरिटी ने ब्रिक राइज प्रॉजेक्ट के 450 फ्लैटों के लिए कंडीशनल ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (OC) जारी करने से पहले खेल सुविधाओं का हिसाब मांगा है। अथॉरिटी ने नोटिस जारी कर बिल्डर से पूछा है कि प्लानिंग और बायर्स से किए गए वादे के अनुसार, प्रॉजेक्ट में जो खेल सुविधाएं देनी थीं, उनकी क्या स्थिति है? एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि बिल्डर का जवाब आने के बाद ही अथॉरिटी ओसी जारी करने पर विचार करेगी। इस मामले में पिछले दिनों आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अथॉरिटी ने अपने बोर्ड में अध्ययन कर लिया था। फिर निर्णय लिया गया कि कंडीशनल ओसी तभी
टाउनशिप प्रॉजेक्टों को पूरा कराने के लिए पहले उनका विशेषज्ञ एजेंसी से ऑडिट कराया जाएगा। ताकि, यह पता चल सके कि प्रॉजेक्ट वाइबल है या नहीं। इनके पूरा होने से घर खरीदारों को राहत मिलेगी।
OC के लिए बिल्डर से मांगा प्रॉजेक्ट में खेल सुविधाओं का ब्योरा जारी की जा सकती है, जब बिल्डर ने प्रॉजेक्ट में कंडीशन पूरी की हो। इसी वजह से खेल सुविधाओं का हिसाब मांगा गया है। खास बात यह है कि नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें ओसी जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीधे अथॉरिटी को बोला है। 6 टावरों में 450 फ्लैट तैयार हैं। इनका पजेशन बिल्डर को शुरू करना है।
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