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तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर मचा घमासान, दिग्विजय सिंह ने कहा- UPA सरकार ने किया था ऐसा काम

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भोपाल: कांग्रेस के दिग्गज नेता और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत में प्रत्यर्पण सिर्फ UPA सरकार की वजह से मुमकिन हुआ। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय नहीं देना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने बताया कि तहव्वुर राणा 26/11 के हमलों में शामिल था। उसका प्रत्यर्पण तभी मुमकिन हो पाया, क्योंकि UPA सरकार ने सही समय पर उसका नाम जांच में डाला और उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया। 14 साल की सजा पूरी करने के बाद उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया. इसकी शुरुआत कांग्रेस ने की थी, इसमें कोई श्रेय मोदी जी को नहीं जाता है। पी चिदंबरम ने भी उठाया सवालवहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने भी कहा है कि सरकार तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण का श्रेय ले रही है। जबकि यह UPA-युग की मेहनत का नतीजा है। कौन है तहव्वुर राणा?बता दें कि 64 वर्षीय तहव्वुर राणा कनाडा का नागरिक है। और पाकिस्तान का मूल निवासी है। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2008 की हिंसा के पीछे के मुख्य साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सालों तक लगातार प्रयास किए। इसके बाद राणा का प्रत्यर्पण हो पाया। राणा ने भारत आने से बचने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमा लिए थे, लेकिन आखिरकार उसे भारत आना पड़ा। उसे 10 अप्रैल को भारत लाया गया और NIA कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 18 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया।गौरतरब है कि यह पूरा मामला 26/11 के मुंबई हमलों से जुड़ा हुआ है। इस हमले में कई लोगों की जान गई थी। भारत सरकार इन हमलों के दोषियों को सजा दिलाना चाहती है। राणा भी इन हमलों के आरोपियों में से एक है। उसे भारत लाकर उस पर मुकदमा चलाया जाएगा।
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