मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा हुई है। वक्फ कानून को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं और खूब हंगामा हो रहा है। हालात इतने खराब हैं कि वहां बीएसएफ की 8 कंपनियां भेजी गई हैं। लगभग 1000 पुलिसवाले भी तैनात किए गए हैं। बड़े-बड़े अफसर, जैसे डीजी और एएसपी लेवल के अधिकारी भी वहां मौजूद हैं। पिछले कुछ दिनों से मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में लोग गुस्से में हैं और विरोध कर रहे हैं। शनिवार को तो हिंसा में तीन लोगों की जान भी चली गई। मरने वालों में एक बाप-बेटा भी शामिल हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में नया वक्फ कानून लागू नहीं होगा। वहीं, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बंगाल में"हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, स्थिति बहुत गंभीर, नाजुक है। उनका कहना है कि सरकार हिंदुओं की सुरक्षा करने में नाकाम रही है। मुर्शिदाबाद में फिलहाल तो हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सबकी निगाहें मुर्शिदाबाद पर टिकीहुई हैं। हिंसा में तीन लोगों की मौतवक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के कई जिलों में हिंसा हुई। मुर्शिदाबाद जिले में शनिवार को फिर हिंसा भड़क गई। भीड़ ने पीट-पीटकर पिता और बेटे की हत्या कर दी। दोनों बाप-बेटा हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। वहीं 11 अप्रैल को हुई हिंसा में घायल युवक ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। इंटरनेट सेवाएं बंदमुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पुलिस ने 150 से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही पश्चिम बंगाल की स्थिति पर लगातार नजर रख रही हैं। बीएसएफ की 8 कंपनियों के साथ-साथ 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसमें डीजी से लेकर एसीपी स्तर के कई अधिकारी भी शामिल हैं। बीजेपी ने ममता पर बोला हमला बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस हिंसा के लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मुर्शिदाबाद में स्थिति इतनी भयावह है कि यह बंगाली हिंदुओं की पैतृक मातृभूमि पश्चिम बंगाल से बिलकुल मेल नहीं खाती। हिंदू परिवार-खासकर महिलाएं और लड़कियां शमशेरगंज के धूलियान से नाव से भागकर बैष्णबनगर के परलालपुर गांव में शरण ले रही हैं। जो कभी एक सुरम्य क्षेत्र था, वह अब खून-खराबे और भय के क्षेत्र में तब्दील हो गया है, यह सब ममता बनर्जी की सत्ता की अनियंत्रित और निर्मम खोज के चलते हुआ है।
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