खैर, अब अगर बात करें उनके रहने की तो खान सर पटना के रहने वाले हैं। उनकी प्यारी बिहारी बोली से तो आप समझ ही जाते होंगे कि ये सर तो हमारे ही जगह के हैं। पटना शहर है ही ऐसा जिसकी भाषा, खाना, बुद्धिमानी लोग, पहनावे जैसी चीजों हर जगह मशहूर हैं। बता दें, पटना को पहले पाटलिपुत्र कहा जाता था। पटना कभी मौर्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी था, इस वजह से ये शहर कई राजवंशों और धर्मों का मेल है। अगर आप खान सर के फैन हैं, तो एक बार यहां घूमने जरूर आएं। खूबसूरती के आगे सारे शहर फेल लगेंगे।
गोलघर लैंडमार्क
गोलघर पटना की सबसे मशहूर और खास इमारतों में से एक है। आपको ये इमारत मधुमक्खी के छत्ते जैसी दिखेगी, जिसे 1786 में अंग्रेजी सेना ने बनवाया था। कैप्टन जॉन गार्स्टिन द्वारा बनवाई गई ये जगह अनाज भंडार के रूप में बनवाई गई थी ताकि 1770 में आए भयानक अकाल जैसी स्थिति फिर न आए।
गोलघर पटना के अशोक राजपथ पर स्थित है। ये गुंबद के आकार की इमारत है और इसमें ऊपर चढ़ने के लिए गोल सीढ़ियां बनी हुई हैं। इसकी ऊंचाई करीब 29 मीटर है और इसका व्यास (चौड़ाई) 125 मीटर है। गोलघर को लेकर खास बात है, इसे बिना किसी खंबे के बनाया है।
पटना म्यूजियम
पटना म्यूजियम, जिसे 1917 में कोतवाली थाना के पास बनाया गया था, उस समय बिहार के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर एडवर्ड गेट ने इसकी स्थापना की थी। इस म्यूजियम में बिहार की अलग-अलग सभ्यताओं और राजवंशों की कहानी को समझाया गया है। यहां मौर्य और गुप्त साम्राज्य के समय की पत्थर की मूर्तियां, तिब्बती कपड़े पर बनी पेंटिंग्स, बुद्ध की प्रतिमाएं और काफी कुछ यहां देखा जा सकता है। आज इस भव्य म्यूजियम में 20,000 से भी ज्यादा चीजें रखी गई हैं। (photo credit: wikipedia)
पादरी की हवेली या चर्च

चर्च को सबसे पहले 1713 में बनाया गया था, लेकिन जो इमारत आज हम देखते हैं, वो 1772 में वेनिस (इटली) के आर्किटेक्ट ने डिजाइन की थी। इसकी डिजाइन गोथिक शैली की है, लेकिन इसमें कुछ आधुनिक चीजें भी जोड़ी गई हैं। इतिहास और पुराने स्मारकों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ये जगह जरूर देखने लायक है। (photo credit:tourism.bihar.gov.in)
तख्त श्री पटना साहिब
पटना के मिठापुर इलाके में बना तख्त श्री पटना साहिब गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की याद में बनवाया गया था। इसे पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था, क्योंकि गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म यहीं पटना में हुआ था। पवित्र जगह देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बहुत खास है। यहां गुरु गोबिंद सिंह जी की चार लोहे की तीर, उनकी चप्पलें, कुछ हथियार, और सोने की परत वाला झूला भी देखा जा सकता है। साथ ही कई पवित्र ग्रंथ भी यहां रखे गए हैं।
बिहारी खाना चखें
शहर और मशहूर इमारतों के अलावा, पटना अपनी स्वादिष्ट खाने-पीने की चीजों के लिए भी जाना जाता है। बिहार का गर्व मानी जाने वाली लिट्टी चोखा तो यहां की पहचान है। इसके अलावा चना घुघनी, कढ़ी बाड़ी, दाल पीठा, मालपुआ, और आलू-बैगन जैसे कई देसी खाने बहुत पसंद किए जाते हैं।
बिहार में मछली वाली डिशेस भी खूब खाई जाती हैं और अलग-अलग तरीकों से बनाई जाती हैं। चंपारण मीट यहां का एक बहुत मशहूर नॉन-वेज खाना है। अगर आप मीठा पसंद करते हैं, तो पटना में ठेकुआ, खाजा, परवल की मिठाई, मखाने की खीर, तिलकुट और बालूशाही जरूर चखिए।
कैसे पहुंचे पटना
हवाई मार्ग से: पटना शहर का मुख्य हवाई अड्डा जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो शहर के बीचों-बीच से करीबन 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां से इंडिगो समेत कई एयरलाइंस की नियमित उड़ानें देश के बड़े शहरों से आती-जाती हैं।
रेल मार्ग से: पटना का मुख्य रेलवे स्टेशन पटना जंक्शन है। ये स्टेशन देश के लगभग हर कोने से प्रमुख ट्रेनों के जरिए अच्छी तरह कनेक्टेड है।
सड़क मार्ग से: पटना में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बसें चलती हैं। इनसे आप शहर के अंदर घूम सकते हैं या आसपास के पर्यटन स्थलों तक पहुंच सकते हैं। पटना की बस सेवाएं राज्य और आस-पास के राज्यों के बड़े शहरों से जुड़ी हुई हैं।
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