तेल अवीव: इजरायल और भारत की दोस्ती हाल के वर्षों में बेहद मजबूत बनकर उभरी है। अब इस दोस्ती में नया अध्याय जोड़ने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री समेत शीर्ष नेताओं का ताबड़तोड़ दौरा होने वाला है। इजरायली अधिकारियों ने इन संभावित दौरों को दोनों देशों में रणनीतिक संबंधों में बढ़ती गर्मजोशी बताया है। इजरायली मीडिया आउटलेट i24 न्यूज की रिपोर्ट की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन यात्राओं की शुरुआत विदेश मंत्री गिदोन सार के दौरे से होगी। सार नवम्बर की शुरुआत में नई दिल्ली की यात्रा करने वाले हैं।
नेतन्याहू इसी साल आएंगे भारत
इसके बाद दिसम्बर में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर होंगे। नेतन्याहू पहले खुद भी भारत दौरे को लेकर अपनी उत्सुकता जाहिर कर चुके हैं। गाजा में युद्धविराम और संभावित पुनर्निर्माण की योजनाओं को देखते हुए नेतन्याहू का ये दौरा बहुत खास होने की उम्मीद है।
अगले साल यानी 2026 की फरवरी में रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज तो साल की पहली तिमाही में इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग दिल्ली का दौरा करने वाले हैं। एक के बाद एक इजरायल के शीर्ष नेतृत्व की ये यात्राएं भारत और इजरायल के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण लहर को दिखाती हैं। इसके पीछे 7 अक्टूबर के हमास के हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया। वहीं, पाकिस्तान के साथ मई में युद्ध के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी भारत के पक्ष में सार्वजनिक बयान दिया।
भारत और इजरायल में गहरे रिश्ते
आतंकवाद और इस्लामी कट्टरपंथ पर साझा चिंताओं ने यरुशलम और नई दिल्ली के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया है, जिसमें रक्षा, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग प्रमुख है। नेतन्याहू की आगामी यात्रा से परिचित सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में उनका स्वागत शाही सम्मान के साथ किए जाने की उम्मीद है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब गाजा में युद्ध को लेकर इजरायल को पश्चिमी देशों में बढ़ते राजनयिक अलगाव का सामना करना पड़ रहा है।
नेतन्याहू और पीएम मोदी की केमिस्ट्री
भारत यात्रा के दौरान नेतन्याहू देश की राजधानी कही जाने वाली मुंबई के साथ ही पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के दौरे पर भी जा सकते हैं, जो दोनों नेताओं के बीच दोस्ती का एक निजी संकेत माना जा रहा है। पीएम मोदी ने पहले नेतन्याहू को फरवरी में नई दिल्ली में AI शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन हाल ही में दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बाद इजरायली प्रधानमंत्री दिसम्बर में यात्रा करने का फैसला किया है।
नेतन्याहू की यह यात्रा इजरायल के अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों में विविधता लाने और अपने पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों से परे गठबंधनों को मजबूत करने के प्रयास को रेखांकित करती है। इसमें भारत उसके विश्वसनीय वैश्विक साझेदारों में से एक के रूप में उभर रहा है। खास बात ये है कि नेतन्याहू का दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिसके चलते वो कई देशों के दौरा टाल रहे हैं।
नेतन्याहू इसी साल आएंगे भारत
इसके बाद दिसम्बर में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर होंगे। नेतन्याहू पहले खुद भी भारत दौरे को लेकर अपनी उत्सुकता जाहिर कर चुके हैं। गाजा में युद्धविराम और संभावित पुनर्निर्माण की योजनाओं को देखते हुए नेतन्याहू का ये दौरा बहुत खास होने की उम्मीद है।
अगले साल यानी 2026 की फरवरी में रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज तो साल की पहली तिमाही में इजरायली राष्ट्रपति इसाक हर्जोग दिल्ली का दौरा करने वाले हैं। एक के बाद एक इजरायल के शीर्ष नेतृत्व की ये यात्राएं भारत और इजरायल के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण लहर को दिखाती हैं। इसके पीछे 7 अक्टूबर के हमास के हमलों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का खुलकर समर्थन किया। वहीं, पाकिस्तान के साथ मई में युद्ध के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी भारत के पक्ष में सार्वजनिक बयान दिया।
भारत और इजरायल में गहरे रिश्ते
आतंकवाद और इस्लामी कट्टरपंथ पर साझा चिंताओं ने यरुशलम और नई दिल्ली के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया है, जिसमें रक्षा, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग प्रमुख है। नेतन्याहू की आगामी यात्रा से परिचित सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में उनका स्वागत शाही सम्मान के साथ किए जाने की उम्मीद है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब गाजा में युद्ध को लेकर इजरायल को पश्चिमी देशों में बढ़ते राजनयिक अलगाव का सामना करना पड़ रहा है।
नेतन्याहू और पीएम मोदी की केमिस्ट्री
भारत यात्रा के दौरान नेतन्याहू देश की राजधानी कही जाने वाली मुंबई के साथ ही पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के दौरे पर भी जा सकते हैं, जो दोनों नेताओं के बीच दोस्ती का एक निजी संकेत माना जा रहा है। पीएम मोदी ने पहले नेतन्याहू को फरवरी में नई दिल्ली में AI शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन हाल ही में दोनों नेताओं के बीच फोन कॉल के बाद इजरायली प्रधानमंत्री दिसम्बर में यात्रा करने का फैसला किया है।
नेतन्याहू की यह यात्रा इजरायल के अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों में विविधता लाने और अपने पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों से परे गठबंधनों को मजबूत करने के प्रयास को रेखांकित करती है। इसमें भारत उसके विश्वसनीय वैश्विक साझेदारों में से एक के रूप में उभर रहा है। खास बात ये है कि नेतन्याहू का दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिसके चलते वो कई देशों के दौरा टाल रहे हैं।
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