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तुरंत खून-खराबा रुक जाएगा, ट्रंप ने पहले भारत के खिलाफ निकाली खीझ; फिर रूस को भरी सभा में दे डाली धमकी

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में एक बार फिर से भारत के खिलाफ उखड़ गए और पानी पी-पीकर कोसने लगे। उन्होंने इस दौरान चीन और रूस के खिलाफ भी अपनी खीझ निकाली। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूसी युद्ध के 'प्राथमिक वित्तपोषक' हैं। इसके अलावा ट्रंप ने एक बार फिर से दोहराया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "काश यह काम संयुक्त राष्ट्र करता, लेकिन मुझे करना पड़ा''।



बहुत जल्द ही खून-खराबा रुक जाएगा

वहीं भारत के खिलाफ बोलने के बाद ट्रंप ने रूस पर भी जोरदार हमला बोला। ट्रंप ने कहा कि अगर रूस युद्ध खत्म करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका उस पर बहुत कड़े शुल्क लगाएगा, जिससे मेरा मानना है बहुत जल्द ही खून-खराबा रुक जाएगा। ट्रंप ने कहा कि इन शुल्क को प्रभावी बनाने के लिए यूरोपीय देशों को, 'आप सभी जो अभी यहां इकट्ठे हुए हैं, हमारे साथ मिलकर ठीक यही उपाय अपनाने होंगे। यूरोप को इसे और तेज करना होगा। वे जो कर रहे हैं, उन्हें रोकना होगा। वे रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं साथ ही वे रूस से लड़ रहे हैं।'



रूस से सभी तरह के ऊर्जा उत्पादों की खरीद तुरंत बंद करनी होगी

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें रूस से सभी तरह के ऊर्जा उत्पादों की खरीद तुरंत बंद करनी होगी, अन्यथा हम सब बहुत समय बर्बाद कर रहे होंगे। इसलिए मैं इस पर चर्चा के लिए तैयार हूं। हम आज यहां एकत्रित सभी यूरोपीय देशों के साथ इस पर चर्चा करने जा रहे हैं।'



नाटो पर भी भड़के ट्रंप

अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि 'यह अक्षम्य है कि नाटो देशों ने भी रूसी ऊर्जा और रूसी ऊर्जा उत्पादों पर ज्यादा रोक नहीं लगाई है' और जब उन्हें यह बात पता चली, तो वे इससे खुश नहीं हुए। जरा सोचिए, वे अपने ही खिलाफ युद्ध को वित्तपोषित कर रहे हैं। किसने इसके बारे में सुना है?

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