न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए 'वैश्विक आतंक का घर' कहा है। भारत ने कहा कि आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान ने हमेशा दोहरा रवैया अपनाया है। भारत में आतंकवाद को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने पर दिल्ली के दूत ने कड़ा रुख दिखाया। भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तानी दूत को जवाब देते हुए कहा कि आपने आतंक को स्वतंत्रता संग्राम बताकर सही ठहराने की कोशिश की है। यह इस्लामाबाद के आतंकवाद पर पाखंड को दिखाता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में एक चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि मोहम्मद जवाद अजमल ने दावा किया कि भारत पर हमला करने वाले फ्रीडम फाइटर थे, जो विदेशी कब्जे का विरोध करने के अपने वैध अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। इस पर भारत के प्रथम सचिव रघु पुरी ने कड़ा जवाब दिया।
पाकिस्तान आतंक का केंद्ररघु पुरी ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए यूएन में कहा, 'आतंकवाद सबसे गंभीर अपराधों में से एक है, जो मानवता को चोट पहुंचाता है। यह हिंसा, असहिष्णुता और भय का सबसे बुरा रूप है। पाकिस्तान के बयान ने उसके दोहरेपन को उजागर किया है। पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। दुनियाभर में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।
पुरी ने अंतर्राष्ट्रीय कानून की गलत व्याख्या करने के पाकिस्तान के प्रयास को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अपने सम्मेलनों और प्रस्तावों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आतंकवादी कृत्यों को किसी भी बहाने, चाहे वह राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक हो, उचित नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान इसे भी बदलने की कोशिश करता दिख रहा है।
पाकिस्तान लगा रहा अड़ंगाभारत की ओर से प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लिए बातचीत 19 वर्षों से पाकिस्तान और देशों के एक छोटे से समूह अपने पसंदीदा आतंकवादियों को 'स्वतंत्रता सेनानी' के रूप में परिभाषित करने की जिद के कारण अटकी हुई है।
अजमल ने दावा किया कि भारत आतंकवाद-रोधी कदम देश पर हमला करने वालों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर पुरी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पाकिस्तान जैसे देश में इसके समर्थक और सहयोगी मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता बने हुए है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में एक चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि मोहम्मद जवाद अजमल ने दावा किया कि भारत पर हमला करने वाले फ्रीडम फाइटर थे, जो विदेशी कब्जे का विरोध करने के अपने वैध अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। इस पर भारत के प्रथम सचिव रघु पुरी ने कड़ा जवाब दिया।
पाकिस्तान आतंक का केंद्ररघु पुरी ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए यूएन में कहा, 'आतंकवाद सबसे गंभीर अपराधों में से एक है, जो मानवता को चोट पहुंचाता है। यह हिंसा, असहिष्णुता और भय का सबसे बुरा रूप है। पाकिस्तान के बयान ने उसके दोहरेपन को उजागर किया है। पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। दुनियाभर में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।
पुरी ने अंतर्राष्ट्रीय कानून की गलत व्याख्या करने के पाकिस्तान के प्रयास को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अपने सम्मेलनों और प्रस्तावों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आतंकवादी कृत्यों को किसी भी बहाने, चाहे वह राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक हो, उचित नहीं ठहराया जा सकता। पाकिस्तान इसे भी बदलने की कोशिश करता दिख रहा है।
पाकिस्तान लगा रहा अड़ंगाभारत की ओर से प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन के लिए बातचीत 19 वर्षों से पाकिस्तान और देशों के एक छोटे से समूह अपने पसंदीदा आतंकवादियों को 'स्वतंत्रता सेनानी' के रूप में परिभाषित करने की जिद के कारण अटकी हुई है।
अजमल ने दावा किया कि भारत आतंकवाद-रोधी कदम देश पर हमला करने वालों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर पुरी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। पाकिस्तान जैसे देश में इसके समर्थक और सहयोगी मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता बने हुए है।
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