नवी मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया है। नवी मुंबई के डीवाई पाटील स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया। दोनों टीमों के पास अपना पहला विश्व कप जीतने का मौका था। भारतीय महिला टीम का सपना पूरा हुआ तो साउथ अफ्रीका के हाथ एक और निराशा लगी। यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पहली आईसीसी ट्रॉफी भी है। एक समय साउथ अफ्रीका की टीम मजबूत स्थिति में दिख रही थी लेकिन अंत में भारत ने बाजी मारी।
42वें ओवर में पलटा मैच
साउथ अफ्रीका की टीम 41वें ओवर तक मैच में थी। इसकी वजह टीम की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट थी। वह शतक लगाकर खेल रही थीं। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने 42वां ओवर डाला। उन्होंने पहली ही गेंद पर साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा को आउट कर दिया। मिड-विकेट पर उनका कैच अमनजोत कौर ने लिया। पहली बार उनके हाथ से गेंद निकल गई लेकिन अमनजोत ने हार नहीं मानी और कैच लपक लिया। इस विकेट ने साउथ अफ्रीका की हार लगभग पक्की कर दी। लौरा ने 98 गेंदों पर 101 रनों की पारी खेली।
चौथी गेंद पर भी दीप्ति को विकेट
लौरा वोल्वार्ड्ट के आउट होने के बाद नादिन डी क्लर्क बैटिंग के लिए आईं। अगली गेंद पर उनके खिलाफ जोरदार अपील हुई। अंपायर ने आउट नहीं दिया और भारत के पास डीआरएस भी नहीं था। इसकी वजह से क्लर्क बच गईं। लेकिन चौथी गेंद पर क्लो ट्रायोन का विकेट भारत को मिल गया। इन दोनों विकेट ने मैच का टर्निंग पॉइंट बनी और साउथ अफ्रीका को हार पक्की कर दी।
भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में पहले खेलते हुए बोर्ड पर 7 विकेट पर 298 रन टांगे। शेफाली वर्मा ने सबसे ज्यादा 87 रनों की पारी खेली। दीप्ति शर्मा ने भी अर्धशतकीय पारी खेली। साउथ अफ्रीका की पारी 46वें ओवर में 246 रनों पर सिमट गई। दीप्ति शर्मा ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके।
42वें ओवर में पलटा मैच
साउथ अफ्रीका की टीम 41वें ओवर तक मैच में थी। इसकी वजह टीम की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट थी। वह शतक लगाकर खेल रही थीं। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने 42वां ओवर डाला। उन्होंने पहली ही गेंद पर साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा को आउट कर दिया। मिड-विकेट पर उनका कैच अमनजोत कौर ने लिया। पहली बार उनके हाथ से गेंद निकल गई लेकिन अमनजोत ने हार नहीं मानी और कैच लपक लिया। इस विकेट ने साउथ अफ्रीका की हार लगभग पक्की कर दी। लौरा ने 98 गेंदों पर 101 रनों की पारी खेली।
चौथी गेंद पर भी दीप्ति को विकेट
लौरा वोल्वार्ड्ट के आउट होने के बाद नादिन डी क्लर्क बैटिंग के लिए आईं। अगली गेंद पर उनके खिलाफ जोरदार अपील हुई। अंपायर ने आउट नहीं दिया और भारत के पास डीआरएस भी नहीं था। इसकी वजह से क्लर्क बच गईं। लेकिन चौथी गेंद पर क्लो ट्रायोन का विकेट भारत को मिल गया। इन दोनों विकेट ने मैच का टर्निंग पॉइंट बनी और साउथ अफ्रीका को हार पक्की कर दी।
भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में पहले खेलते हुए बोर्ड पर 7 विकेट पर 298 रन टांगे। शेफाली वर्मा ने सबसे ज्यादा 87 रनों की पारी खेली। दीप्ति शर्मा ने भी अर्धशतकीय पारी खेली। साउथ अफ्रीका की पारी 46वें ओवर में 246 रनों पर सिमट गई। दीप्ति शर्मा ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके।
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