भाजपा नेता के अन्नामलाई ने सीएम स्टालिन को नसीहत देते हुए कहा कि तमिलनाडु में यूपी के 25 लाख रजिस्टर्ड मजदूर हैं।
अगर अनऑफिशियल को भी जोड़ लिया जाए तो करीब 40 लाख लेबर तमिलनाडु में हैं। कल्पना करिए अगर यूपी जग और अपने मजदूरों को वापस बुला दिया तो आपके राज्य का क्या होगा। अगर योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार कहें कि इतने सस्ता श्रम क्यों आपको उपलब्ध कराएं तो तमिलनाडु क्या कर लेगा? यूपी को जगाओ मत ,अगर यह राज्य जग गया तो दक्षिण की छुट्टी हो जाएगी। आज पूरी दुनिया की इकॉनमी सस्ते श्रम के भरोसे ही है।
यूपी के मजदूरों के भरोसे तमिलनाडु की इंडस्ट्री
वास्तव में अगर यूपी और बिहार की ओर से यह मांग रख दी जाए कि उनके राज्य के लोगों को एक निश्चित रकम जरूर मिलना चाहिए अन्यथा उनके जाने पर रोक लगा दी जाएगी। कल को योगी और नीतीश कुमार अगर यह मांग करें कि हर मजदूर के नाम 10 हजार रुपये उनके राज्य को चाहिए तो हम क्या इनकार कर पाएंगे? पर देश ऐसे नहीं चलता है। अन्ना मलाई कहते हैं कि याद करिए जब कोविड के समय मजदूरों को वापस बुलाने के लिए तमिलनाडु के इतिहास में पहली बार हिंदी में प्रेस रिलीज जारी किया गया था।
यूपी की तरक्की हैरान करने वाली है
अन्नामलाई कहते हैं कि जिस तरह कहा जाता है कि चीन सो रहा है उसे मत छेड़ो, उसी तरह यूपी सो रहा उसे जगाओगे तो मुश्किल में पड़ जाओगे। अन्नमलाई 2022 और 2023 के आंकड़ों के आधार पर बताते हैं कि देश में सबसे अधिक निवेश यूपी में आ रहा है। तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्य यूपी से बहुत पीछे हैं निवेश को आकर्षित करने में। अन्नामलाई बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसी पिछड़ी जगहों पर 9 लाख करोड़ रुपये का विदेश निवेश आया है। दक्षिण के राज्यों को उत्तर प्रदेश से सीख लेने की जरूरत है।
पिछले साल उत्तर प्रदेश के आधिकारिक आंकड़ों में उत्तर प्रदेश की तरक्की दिख रही थी। जीडीपी में हिस्सेदारी के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर पहुंच गया था, जो 2025 में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। जीडीपी हिस्सेदारी के संदर्भ में, उत्तर प्रदेश ने तमिलनाडु (9.1 प्रतिशत), गुजरात (8.2 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल (7.5 प्रतिशत) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. कर्नाटक (6.2 प्रतिशत), राजस्थान (5.5 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (4.9 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश (4.6 प्रतिशत) जैसे राज्य उत्तर प्रदेश से काफी पीछे हैं।
जानिए कहां से उठी तमिल Vs यूपी का मामला
दरअसल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि 'तमिलनाडु की भाषा नीति और निष्पक्ष परिसीमन की मांग आज पूरे देश में गूंज रही है। भाजपा इससे परेशान है, जो उनके नेताओं के इंटरव्यू से पता चलता है। अब माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर भाषण देना चाहते हैं? हमें बख्श दीजिए। ये तो राजनीतिक कॉमेडी हो गई। इसके बाद स्टालिन ने योगी आदित्यनाथ के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि 'हम किसी भाषा का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि हम थोपने और अंधराष्ट्रीयता का विरोध कर रहे हैं। यह वोट बैंक की राजनीति नहीं है बल्कि ये न्याय और स्वाभिमान की लड़ाई है।
दरअसल योगी ने तमिलनाडु में भाषा नीति और परिसीमन के विरोध को लेकर बयान दिया था। योगी आदित्यनाथ ने भाषा विवाद को छोटी राजनीतिक सोच करार दिया। उन्होंने कहा कि स्टालिन धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उनका वोटबैंक खिसक रहा है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाषा को लोगों को एकजुट करना चाहिए न कि बांटना चाहिए। उन्होंने लोगों को भी बांटने वाली राजनीति से सावधान रहने की सलाह दी थी।
You may also like
नवकेतन स्टूडियो: गाइड और हरे रामा हरे कृष्णा जैसी फ़िल्मों से नया इतिहास रचने वाला प्रोडक्शन हाउस
मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे तेजस्वी अब महागठबंधन में क्लर्क का काम करेंगे : दिलीप जायसवाल
उत्तराखंड बोर्ड दसवीं और बारहवीं का परिणाम जारी, हाईस्कूल के 90.8 प्रतिशत तो इंटरमीडिएट के 86.7 फीसदी बच्चे पास
IPL 2025: निकोलस पूरन महारिकॉर्ड बनाने से सिर्फ 1 रन दूर, वेस्टइंडीज के 3 क्रिकेटर ही कर पाए हैं ऐसा
जयपुर में महिला की सर्जरी में लापरवाही से हुआ बड़ा हादसा, पुलिस ने दर्ज किया मामला