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साढ़े चार साल से जिस मासूम को देखने को तरसी आँखें... मौलवी की दुकान में दफ्न थे उसके लाश के टुकड़ें

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महाराष्ट्र के भिवंडी से एक ऐसा रूह कंपा देने वाला सच सामने आया है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया है। मजहब के चोले में छिपा हैवान, मौलवी गुलाम रब्बानी ने जिस तरह एक मासूम की जान ली और फिर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करके अपनी दुकान में ही दफना दिए, वो बर्बरता की सारी हदें पार कर चुका है।

भिवंडी के नेहरू नगर इलाके से 20 नवंबर 2020 में रहस्यमय तरीके से लापता हुए 17 साल के लड़के की फाइल पुलिस ने भले ही ठंडी कर दी थी, लेकिन उसके घरवालों की उम्मीद नहीं मरी थी। अब बुधवार (17 अप्रैल 2025) को चार साल बाद जब सच सामने आया, तो पता चला कि, कातिल कोई और नहीं, बल्कि मौलवी के वेश में घूम रहा वहशी दरिंदा था, जो लगातार उसी मोहल्ले में मासूम की मां की आंखों में आंखें डालकर घूमता रहा। मजहब की आड़ में पाप को दबाए बैठा था।

कब्रगाह बनी मौलवी की दुकान


आखिरकार ठाणे की क्राइम ब्रांच ने जब गुलाम रब्बानी को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की, तो उसकी जुबान से सड़ा हुआ सच सामने आ गया। उसने बताया कि शोएब की बेरहमी से हत्या करने के बाद उसके शरीर के कुछ हिस्से सड़क किनारे फेंक दिए, जबकि सिर और अन्य अंगों को अपनी ही दुकान के नीचे गाड़ दिया, ताकि कभी कोई शक न करे।

फरार मौलवी, फिर गिरफ्त में

2023 में जब पहली बार पुलिस को उस पर शक हुआ और उसे थाने बुलाया गया, तो ये धोखेबाज़ मुल्ला मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया। लेकिन कानून के लंबे हाथों से ज्यादा देर तक बच नहीं सका। ठाणे क्राइम ब्रांच की टीम ने आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया।

"फांसी दो उसे!"- मां की चीख

सच का पता होने से मृतक नाबालिग बच्चे की मां का दर्द गुस्से में तब्दील हो गया है। वह कहती हैं- "चार साल हमारी आंखें तरस गईं बेटे को देखने के लिए। और वो हैवान वहीं मोहल्ले में खुलेआम घूमता रहा। हमारे सामने नमाज़ भी पढ़ता था। उसे सरेआम फांसी दी जानी चाहिए!"

एक और बार सामने आया सच, कुछ लोगों का चोला मजहबी होता है, मगर दिल में शैतान बसता है। इस खौफनाक हत्याकांड ने सिर्फ एक मां की कोख उजाड़ी, बल्कि इंसानियत की भी कब्र खोद दी है।

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