बॉलीवुड की दुनिया में एक्ट्रेस को अक्सर ऐसी बातें सुननी पड़ती हैं। लेकिन कुछ हसीनाएं ऐसी भी होती हैं,जो इन तानों को अपनी कमजोरी नहीं,बल्कि ताकत बना लेती हैं और फिर एक ऐसा कमबैक करती हैं कि पूरी दुनिया देखती रह जाती है।ऐसी ही एक हैरान और प्रेरित करने वाली कहानी लिखी है एक्ट्रेस,मॉडल और दो बच्चों की मां,कश्मीरा शाहने।50साल की उम्र को पार कर चुकीं कश्मीरा ने पिछले कुछ समय में जो फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन किया है,वह किसी जादू से कम नहीं लगता। उन्होंने14किलो वजनकम करके न सिर्फ अपने पुराने ग्लैमरस अवतार में वापसी की है बल्कि लाखों महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ी प्रेरणा भी बन गईहै।जब आईने में खुद को पहचानना हो गया था मुश्किलकश्मीरा शाह ने खुद एक इंटरव्यू में बताया कि लॉकडाउन और मदरहुड के दौरान उनका वजन काफी बढ़ गया था। वे उस दौर में पहुंच गई थीं जहां उन्हें अपने पुराने कपड़े फिट नहीं आते थे और वे खुद को आईने में देखकर असहज महसूस करने लगी थीं।लेकिन फिर,उन्होंने फैसला किया कि अब बहुत हुआ। उन्होंने तय किया कि वे सिर्फ दूसरों के लिए नहीं,बल्कि खुद के लिए,अपने आत्मविश्वास और अपनी सेहत के लिए फिट होकर दिखाएंगी।क्या था कश्मीरा का फिटनेस का सीक्रेट मंत्र?कश्मीरा का वेट लॉस का सफर किसी क्रैश डाइट या जादू की गोली का नतीजा नहीं है,बल्कि यह उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन का फल है। उन्होंने दो सबसे जरूरी और बुनियादी चीजों पर ध्यान दिया:डाइट का अनुशासन:कश्मीरा ने अपनी डाइट से उन सभी चीजों को हटा दिया जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।नो कार्ब्स,नो शुगर:उन्होंने चावल,रोटी,ब्रेड (कार्बोहाइड्रेट्स) और मीठी चीजों को अपनी डाइट से पूरी तरह से बाहर कर दिया।सिर्फ घर का बना खाना:उन्होंने बाहर के खाने को पूरी तरह से बंद कर दिया और सिर्फ घर पर बना संतुलित और पौष्टिक भोजन ही खाया।छोटे-छोटे मील्स:वे दिन में तीन बड़े मील्स की जगह,छोटे-छोटे और हेल्दी मील्स लेती थीं,ताकि उनका मेटाबॉलिज्म तेज रहे।वर्कआउट से दोस्ती:सिर्फ डाइट से बात नहीं बनती। कश्मीरा ने जिम में भी जमकर पसीना बहाया।वेट ट्रेनिंग और कार्डियो:उन्होंने कार्डियो और वेट ट्रेनिंग का एक अच्छा संतुलन बनाया,जिससे न सिर्फ उनका फैट बर्न हुआ,बल्कि उनकी बॉडी भी टोन हुई।प्रेरणा की बनीं मिसालआज कश्मीरा शाह पहले से कहीं ज्यादा फिट,कॉन्फिडेंट और ग्लैमरस दिखती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें आग लगा रही हैं,और लोग उनके इस जज्बे को सलाम कर रहे हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है,और अगर दिल में कुछ करने की ठान ली जाए,तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं है। यह उन सभी महिलाओं के लिए एक जीता-जागता उदाहरण है जो मदरहुड या बढ़ती उम्र के कारण खुद पर ध्यान देना छोड़ देती हैं।
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