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गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डिजिटल रेप की घटना, आरोपी गिरफ्तार

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गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डिजिटल रेप की घटना, आरोपी गिरफ्तार

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एक भयावह मामला सामने आया है, जिसमें एक एयर होस्टेस के साथ ICU में वेंटिलेटर पर होने के बावजूद डिजिटल रेप किया गया। यह घटना उस समय उजागर हुई जब पीड़िता होश में आने के बाद 14 अप्रैल को सदर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी दीपक कुमार को गिरफ्तार कर लिया। दीपक बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है और हाल ही में ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी में डिग्री प्राप्त करने के बाद मेदांता अस्पताल में ICU टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत था।

डिजिटल रेप क्या है?

डिजिटल रेप एक गंभीर यौन अपराध है, जिसमें बिना सहमति के किसी व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट में उंगलियां या किसी वस्तु का प्रवेश कराया जाता है। इसमें ‘डिजिटल’ शब्द का अर्थ इंटरनेट या डिजिटल तकनीक से नहीं है, बल्कि यह शारीरिक अंगों का उपयोग दर्शाता है। यह अपराध 2012 के निर्भया कांड के बाद भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375-376 के तहत बलात्कार की श्रेणी में शामिल किया गया। इसके बाद, इसे भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत भी गंभीर अपराध माना गया है।

कानूनी प्रावधान और सजा

भारत में डिजिटल रेप को गंभीर अपराध मानते हुए इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है। पहले आईपीसी की धारा 375-376 के तहत दोषी को कम से कम 7 साल की सजा हो सकती थी, जो कुछ मामलों में 10 साल या आजीवन कारावास तक बढ़ सकती थी। अगर पीड़ित नाबालिग हो तो पॉक्सो एक्ट के तहत सजा और भी कड़ी होती है, जिसमें 10 से 20 साल तक की जेल या उम्रकैद भी हो सकती है। अब इसे भारत के नए कानून के तहत बलात्कार की श्रेणी में रखा गया है। यदि किसी ने बिना सहमति के इस तरह का कृत्य किया, तो उसे 10 साल तक की जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता

डिजिटल रेप के मामले भारत में बढ़ रहे हैं, लेकिन इस अपराध के बारे में जागरूकता की कमी है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। अक्सर पीड़ित महिलाएं सामाजिक दबाव के कारण चुप रहती हैं और इस अपराध के बारे में खुलकर बात नहीं करतीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस अपराध के बारे में लोगों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है, ताकि महिलाएं और समाज इसके खिलाफ आवाज उठा सकें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

डिजिटल रेप एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन जागरूकता और शिक्षा के बिना इस अपराध को पूरी तरह से रोकना मुश्किल हो सकता है।

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