मुंबई – बीड के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मुख्य आरोपी और धनंजय मुंडे के करीबी माने जाने वाले वाल्मीक कराड के ‘एनकाउंटर’ के लिए 50 करोड़ रुपये का ऑफर मिलने का दावा कर हलचल मचाने वाले निलंबित पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत कासले को आज अत्याचार अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। कासले को बीड पुलिस ने नाटकीय ढंग से पुणे से गिरफ्तार कर लिया। कासले को गुरुवार रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना था, लेकिन ऐसा करने के बजाय वह पुणे में एक लॉज में रुक गया। जहां से सुबह बिजवास पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले गुरुवार रात छत्रपति संभाजी नगर के विशेष पुलिस महानिरीक्षक वीरेंद्र मिश्रा ने कासले को पुलिस विभाग से बर्खास्त करने का आदेश दिया था।
रंजीत कासले जब बीड पुलिस के साइबर विभाग में थे, तो अपने वरिष्ठों की अनुमति के बिना आरोपी को गुजरात ले गए। जहां उन पर पैसे लेने का आरोप लगाया गया। इसके बाद 26 मार्च को कासले को निलंबित कर दिया गया। निलंबित होने के बाद कासले ने एक के बाद एक कई वीडियो बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इनमें से एक वीडियो में एक समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में बीड के एक वकील ने कासले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और 14 अप्रैल को शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था।
चूंकि अपराध की सूचना मिलने के बाद कासले भाग गया था, इसलिए वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहा था। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस को ‘मुझे पकड़ने’ की चुनौती भी दी। गुरुवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ रील वायरल कीं और ‘गब्बर इज बैक’ कहकर पुलिस का मजाक उड़ाया। अंततः बीड पुलिस ने आज स्वारगेट क्षेत्र के एक लॉज से कासले को गिरफ्तार कर लिया।
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