News India Live, Digital Desk: पिछले साल दिसंबर की 2 तारीख की रात, फिलीपींस के दक्षिणी मिंडानाओ द्वीप समूह के पास अचानक धरती जोर से कांप उठी. समय था रात के करीब 10:37 बजे, जब 7.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया. यह भूकंप इतना तेज़ था कि इसने लोगों को सहमा दिया. इसका केंद्र सुरिगाओ डेल सुर के हिनातुआन नगर पालिका के पास समुद्र में करीब 25 से 32 किलोमीटर की गहराई में था.भूकंप के तुरंत बाद, फिलीपींस इंस्टीट्यूट ऑफ वोल्केनोलॉजी एंड सीस्मोलॉजी (PHIVOLCS) ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी खासकर सुरिगाओ डेल सुर और दावो ओरिएंटल के तटीय इलाकों के लोगों को तुरंत ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया. इस चेतावनी के बाद, हजारों लोगों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ली. जापान में भी सुनामी की लहरें आने की आशंका जताई गई थी, जिसके चलते वहां भी कई तटीय इलाकों में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया.अच्छी बात यह रही कि सुनामी का बड़ा खतरा टल गया. अगले दिन, 3 दिसंबर की सुबह करीब 3:23 बजे, PHIVOLCS ने सुनामी की चेतावनी वापस ले ली.हालांकि, हिनातुआन के तट पर 2 मीटर तक ऊंची लहरें ज़रूर देखी गईं, लेकिन उम्मीद से कम नुकसान हुआ.इस भूकंप के बाद कई छोटे-बड़े झटके, जिन्हें आफ्टरशॉक्स कहते हैं, भी आते रहे. 700 से ज़्यादा आफ्टरशॉक्स रिकॉर्ड किए गए, जिनमें से कुछ की तीव्रता 6.5 तक थी. इन झटकों की वजह से कुछ घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा, और एक व्यक्ति की मौत की खबर भी आई.बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई. लेकिन, सबसे बड़ी बात ये थी कि लोग सतर्क रहे और समय पर सुरक्षित जगहों पर चले गए, जिससे जानमाल का बड़ा नुकसान होने से बच गया.यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति कितनी शक्तिशाली है और हमें हमेशा ऐसी आपात स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए.
अगली ख़बर

Nature's fury : फिलीपींस में भूकंप के झटके, क्या भारत को भी सीखना चाहिए कुछ
Send Push