नई दिल्ली। कोरोना के केस भारत में भी बढ़ रहे हैं। देश में फिलहाल कोविड-19 के 257 एक्टिव मामले सामने आए हैं। राज्यवार बात की जाए तो केरल में सर्वाधिक 95, तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में कोरोना के 56 एक्टिव केस हैं। मंबई में पिछले दिनों कोविड संक्रमित दो लोगों की मौत हो गई थी जिनमें एक नाबालिग था। हालांकि दोनों लोग अन्य गंभीर बीमारियों से भी पीड़ित थे। दिल्ली में कोविड के 5 एक्टिव केस मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह जेएन.1 वैरिएंट है। आइए आपको बताते हैं कि जेएन.1 वैरिएंट के लक्षण क्या हैं और यह कितना खतरनाक है?
जेएन.1 वैरिएंट जो ओमिक्रॉन बीए.2.86 वैरिएंट से ही निकला है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार जेएन.1 वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं और उनमें से हाल ही में रिपोर्ट किए गए मामलों में 2 सबसे कॉमन वैरिएंट एलएफ.7 और एनबी.1.8 हैं। जेएन.1 वैरिएंट ज्यादा तेजी से फैल सकता है क्योंकि इस वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन हुआ है। जेएन.1 वैरिएंट के कारण गले में खराश, नाक से पानी आना, हल्का बुखार, थकान और खांसी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि खाने का स्वाद या सूंघने की शक्ति चली जाती है। ऐसा बताया जा रहा है कि जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं यह वैरिएंट उनको भी संक्रमित कर सकता है।
राहत की बात यह है कि जेएन.1 वैरिएंट ओमिक्रॉन के पुराने वैरिएंट्स की तरह ही है और इससे गंभीर बीमारी का खतरा बहुत कम है। इससे संक्रमित ज्यादातर लोगों में हल्के लक्षण ही नजर आए हैं। इसलिए इसको लेकर घबराने वाली कोई जरूरत नहीं है लेकिन एहतियात बरतना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है। लोगों से अपील की गई है कि वो पैनिक ना हों और अगर किसी भी शख्स में कोविड-19 से संक्रमित होने के लक्षण दिखें तो तत्काल चिकित्सा सहायता ले।
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