नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर से राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया है। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को लेकर चर्चा है कि वो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल मोहम्मद यूनुस ने ढाका में एडवाइजरी काउंसिल की एक बैठक के दौरान सार्वजनिक रूप से खुद कहा है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में उनके लिए काम करना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं खुद को बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं। इसकी वजह बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ मोहम्मद यूनुस के बीच अनबन को माना जा रहा है।
दरअसल सेना प्रमुख चाहते हैं कि दिसंबर तक आम चुनाव हो जाएं। उन्होंने पिछले दिनों अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आम चुनाव इस साल दिसंबर से आगे टलने नहीं चाहिए। मगर अंतरिम सरकार और कट्टरपंथी फिलहाल चुनाव नहीं चाहते हैं और उनकी मंशा है कि किसी भी प्रकार से चुनाव टल जाए। आम चुनाव को लेकर पहले भी सेना प्रमुख और अंतरिम सरकार के बीच खटपट की खबरें आ चुकी हैं। मगर पहली बार मोहम्मद यूनुस ने इस तरह का बयान दिया है जिससे बहुत सी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। उधर, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया भी जल्द से जल्द चुनाव कराने को लेकर अंतरिम सरकार पर दबाव बना रही हैं।
वहीं सरकार और सेना के बीच अनबन का एक और कारण चटगांव-राखिन कॉरिडोर को भी माना जा रहा है। यूनुस सरकार ने अमेरिका के साथ मिलकर बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा स्थापित करने की योजना बनाई थी। विदेशी मामलों सलाहकार तौहीद हुसैन ने सेना को विश्वास में लिए बिना ही इसकी घोषणा कर दी थी। सेना प्रमुख को चिंता है कि इस गलियारे से बांग्लादेश की संप्रभुता पर असर पड़ सकता है। सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने इसे ‘ब्लडी कॉरिडोर’ कहते सरकार से इसे तुरंत बंद करने को कहा है।
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