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पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा: जानें क्या है पूरा मामला

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मुर्शिदाबाद में हिंसा का बढ़ता संकट

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के खिलाफ शुरू हुई हिंसा अब एक बड़े दंगे का रूप ले चुकी है। यह हिंसा 10 अप्रैल से प्रारंभ हुई थी, जिसमें तीन लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। कई निवासियों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया है और क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा रही है.


साजिश का खुलासा

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हिंसा अचानक नहीं भड़की, बल्कि यह एक पूर्व-निर्धारित साजिश का परिणाम है। सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों से मुर्शिदाबाद में इस हिंसा की योजना बनाई जा रही थी। दो महीने पहले, एटीबी (अल-तहरीर बंगाल) के दो सदस्य यहां आए थे और उन्होंने हिंसा भड़काने के लिए एक ट्रिगर पॉइंट की तलाश की।


हमलावरों को मिली फंडिंग

जांच में यह भी सामने आया है कि इस हिंसा के लिए विदेशों से, विशेषकर तुर्की से, फंडिंग की जा रही थी। हर हमलावर को हिंसा और लूटपाट के लिए 500 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा था। इसके अलावा, दंगाइयों को ट्रेनिंग भी दी जा रही थी और उन्हें सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे।


सीएम ममता बनर्जी की शांति की अपील

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, "हर किसी को विरोध का अधिकार है, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेना स्वीकार्य नहीं है। जो लोग शांति से रहते हैं, वही जीतते हैं।" ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


प्रदर्शनकारियों की हिंसक गतिविधियाँ

वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, रेलवे ट्रैक को जाम किया और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। केंद्र सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बीएसएफ के 300 जवानों और पांच अतिरिक्त केंद्रीय बलों की कंपनियों को क्षेत्र में तैनात किया है।


चुनाव से पहले का तनाव

बंगाल में विधानसभा चुनावों में एक साल से अधिक का समय बचा है, लेकिन इस तरह की हिंसा और सांप्रदायिक तनाव ने लोगों में भय और अस्थिरता का माहौल बना दिया है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह घटना बंगाल को बांग्लादेश की तर्ज पर दंगों में झोंकने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है। फिलहाल, पूरे क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा एजेंसियां हालात पर कड़ी नजर रख रही हैं।


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