ज्योतिष: सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह दिन चंद्रमा का होता है और इसके देवता स्वयं भगवान शिव माने जाते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार, इस दिन भोलेनाथ की पूजा की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। धार्मिक ग्रंथों में भी इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा का उल्लेख मिलता है।
सोमवार को भगवान शिव की पूजा का महत्व इस कारण से है कि इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं, जिसे सोमश्वर कहा जाता है। सोमेश्वर का अर्थ चंद्रमा और वह देवता है, जिसे सोमदेव ने अपना भगवान माना है। इस देवता की आराधना भगवान शिव के रूप में की जाती है।
शिवपुराण के अनुसार, हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति भोलेनाथ को प्रसन्न कर ले, तो उसकी कुंडली के सभी दोष दूर हो जाते हैं।
आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह पूजा लाभकारी मानी जाती है। पंडित शर्मा के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण विधियाँ
भगवान शिव की पूजा: सोमवार को सफेद चंदन से ग्यारह बेलपत्र पर 'ऊँ नम: शिवाय' लिखकर शिवजी को अर्पित करना चाहिए।
इस दिन भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाना और 108 बार 'नम: शिवाय ऊँ नम: शिवाय' का जाप करना चाहिए।
भगवान शिव को दूध अर्पित करने की परंपरा बहुत पुरानी है। इसलिए, सोमवार को चांदी के बर्तन में मीठा दूध अर्पित करना शुभ माना जाता है।
मान्यता है कि भगवान शिव को जल चढ़ाने से इच्छाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं। इसीलिए, सोमवार को ताम्बे के बर्तन में जल भरकर उसमें थोड़ा सा केसर मिलाकर शिवजी को अर्पित करें।
ध्यान रखें कि सोमवार के पूरे दिन 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते रहना चाहिए।
You may also like
एचडीएफसी बैंक का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 6.7 प्रतिशत बढ़कर 17,616 करोड़ रुपए पर
मुंबई: सैलरी कटौती का बदला लेने के लिए सिक्योरिटी सुपरवाइजर ने किया पालतू डॉग का अपहरण
केएल राहुल ने रचा इतिहास, आईपीएल में इस अविश्वसनीय उपलब्धि को किया अपने नाम
बंगाल में फैल रहा कट्टरवाद, लगाया जाए राष्ट्रपति शासन : बजरंग दल
पौने दो साल से लापता मुख्य आरक्षी की तलाश में पुलिस नाकाम