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बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर स्थित एक सरकारी कार्यालय में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिससे पूरा प्रशासन हिल गया है। एक व्यक्ति ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। यह आवेदन मिलने के बाद पूरा प्रशासन हिल गया है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने तुरंत संज्ञान लिया और जांच शुरू कर दी। जैसे ही प्रशासन को इसमें बड़ी गड़बड़ी का अहसास हुआ, आवेदन को रद्द कर दिया गया। अब इस मामले में साइबर अपराध के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
मोहिउद्दीननगर क्षेत्र के लोक सेवा केंद्र में 29 जुलाई, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप के नाम से एक ऑनलाइन आवेदन किया गया था। आवेदक का नाम डोनाल्ड जॉन ट्रंप बताया गया था। आवेदन पर एक फोटो भी लगाई गई थी। आवेदन में निवास का पता हसनपुर गांव, वार्ड नंबर 13, पोस्ट बाकरपुर, मोहिउद्दीननगर, जिला समस्तीपुर लिखा था। इतना ही नहीं, आवेदन पर एक ईमेल आईडी भी दी गई थी। जब यह आवेदन अंचल कार्यालय के अधिकारियों तक पहुँचा, तो पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया। हो सकता है किसी ने मज़ाक में यह आवेदन दिया हो, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। जाँच चल रही है।
आवेदन निकला फर्जी
बीडीओ डॉ. नवकंज कुमार और सीओ बृजेश कुमार द्विवेदी ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी किया है। इस मामले की गहन जाँच की गई। फोटो, आधार नंबर, बारकोड और पता सब फर्जी थे। आवेदन में दी गई जानकारी झूठी है। इसके बाद, 4 अगस्त को राजस्व अधिकारी सृष्टि सागर ने आवेदन को औपचारिक रूप से अमान्य घोषित कर दिया। वर्तमान में, चुनाव आयोग मतदाता सूची के पुनर्सत्यापन का कार्यक्रम चला रहा है, और अधिकारी संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि यह इसमें बाधा डालने का प्रयास हो सकता है।
प्रशासन का गंभीर संज्ञान
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। समस्तीपुर साइबर थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की गई है। इस मामले की जाँच के लिए सभी संबंधित दस्तावेज़ साइबर अपराध विभाग को दे दिए गए हैं। अब साइबर विभाग इस बात की जाँच करेगा कि यह आवेदन कहाँ से आया, किस डिवाइस और आईपी के ज़रिए बनाया गया। फर्जी आवेदक का असली मकसद क्या था, क्या उसने मजाक में ऐसा किया या इसके पीछे क्या साजिश रची गई, इसकी भी जांच की जाएगी।
प्रशासन ने जनता से की अपील
इस मामले के बाद प्रशासन सजग हो गया है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि जनसेवा केंद्रों और सरकारी वेबसाइटों का दुरुपयोग न करें। ऐसी हरकतें प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न करती हैं। इसका असर आम आदमी और ज़रूरतमंदों पर पड़ता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी सेवाओं और सुविधाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए और प्रभावी कदम उठाए जाएँगे।
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