समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक केतकी सिंह को मानहानि का नोटिस जारी किया है। विधायक केतकी सिंह ने आरोप लगाया था कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री आवास से टोटियाँ चुराई थीं। एक यूट्यूब चैनल पर प्रसारित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए गए इस आरोप ने दोनों दलों के बीच राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।
नोटिस में केतकी सिंह पर दुर्भावनापूर्ण मानहानि का आरोप लगाया गया है
समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया पाल द्वारा 5 सितंबर को भेजे गए इस नोटिस में कहा गया है कि केतकी सिंह के आरोप "झूठे", "भ्रामक" और "अपमानजनक" हैं। नोटिस में उन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की छवि खराब करने के इरादे से जानबूझकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का आरोप लगाया गया है।
पाल ने विधायक से औपचारिक माफ़ी मांगने की मांग की है और कहा है कि इसे 15 दिनों के भीतर प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाए और उसी यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया जाए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर दीवानी और आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाया जाएगा।
विधायक के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन और तनाव बढ़ा
मानहानि के दावों के बाद, समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने लखनऊ स्थित केतकी सिंह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कथित तौर पर उनकी टिप्पणियों के विरोध में किए गए इस विरोध प्रदर्शन में ज़ोरदार प्रदर्शन हुए और विधायक के आरोपों का प्रतीकात्मक संदर्भ देते हुए उन्हें नल "उपहार" देने की कोशिश की गई।
उस समय बलिया में मौजूद केतकी सिंह ने प्रदर्शनकारियों पर उनके घर में तोड़फोड़ करने और उनकी नाबालिग बेटी को डराने का आरोप लगाया, जिसने इस हंगामे के कारण स्कूल जाना छोड़ दिया। उन्होंने इस घटना के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही।
सपा महिला सभा की नेता नेहा यादव ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन कानून-व्यवस्था, रोज़गार, महिला सुरक्षा और किसानों की आय सहित विभिन्न मुद्दों पर जवाबदेही की मांग के साथ-साथ 'नल चोरी' के आरोपों का जवाब देने के लिए भी था।
भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक घमासान
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में भाजपा और सपा के बीच लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ा दिया है। अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाने वाली केतकी सिंह ने सपा प्रमुख के खिलाफ अपने बयानों से आक्रोश भड़का दिया, जिसके बाद तीखी बयानबाजी और जवाबी विरोध प्रदर्शन हुए। यह टकराव इस क्षेत्र में राजनीतिक विमर्श की संवेदनशीलता को भी उजागर करता है, जहाँ आरोप-प्रत्यारोप अक्सर सार्वजनिक प्रदर्शनों और कानूनी नोटिसों तक पहुँच जाते हैं।