Next Story
Newszop

मिस राजस्थान बनने पहुंचीं छोटे शहरों की लड़कियां, देखे वीडियो

Send Push

भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर महिलाओं के सम्मान एवं अधिकारों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर महिलाओं के सम्मान में एआईसीटीई, डूंगरी, झाला में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मानसी कैलाश सांखला (सामाजिक कार्यकर्ता) ने की। जिन्होंने बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया तथा महिला सशक्तिकरण को समाज की प्रगति का आधार माना।

सांखला ने सशक्त महिला-सशक्त समाज का नारा देते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ नारा नहीं बल्कि समाज को सशक्त बनाने की कुंजी है। बाबासाहेब ने कहा था कि समाज की प्रगति महिलाओं की प्रगति से मापी जाती है। इसके अतिरिक्त, सावित्रीबाई और ज्योतिबा फुले ने महिला शिक्षा को परिवार और समाज की नींव माना। हमें इसी सोच को आगे बढ़ाना है और आत्मनिर्भर एवं सशक्त महिला शक्ति का निर्माण करना है।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने बाबा साहेब के योगदान को याद किया तथा सामाजिक सद्भावना एवं महिला सशक्तिकरण का संकल्प लिया। इस अवसर पर नवचेतना शक्ति संगम द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी घोषणा की गई। इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करना है।

सांखला ने बताया कि कार्यक्रम में 300 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया गया। आज महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। बाबा साहब के संविधान में महिलाओं को समानता का संदेश दिया गया है। इसके अलावा, हमारा उद्देश्य यह है कि प्रत्येक महिला न केवल शिक्षित हो, बल्कि आत्मनिर्भर भी हो और समाज में समानता का उदाहरण पेश करे। यह कार्यक्रम न केवल बाबासाहेब की जयंती पर श्रद्धांजलि था, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक मजबूत कदम साबित हुआ। मानसी सांखला के नेतृत्व में नवचेतना शक्ति संगम ने एक बार फिर सशक्त समाज निर्माण का संदेश दिया।

मुख्य वक्ता एसीबी के पुलिस महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरा ने बाबा साहेब के समानता और शिक्षा के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और कहा कि आज महिला सशक्तिकरण को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। देश में भले ही उथल-पुथल मची हुई हो, लेकिन भीमराव अंबेडकर का संदेश आज भी देखने को मिलता है। एक महिला अपने आप में एक किताब है और एक प्रेरक भी। एक पुरुष कभी नहीं समझ सकता कि एक महिला क्या कह रही है। महिलाएं घर के पुरुषों से क्या आशा और अपेक्षा रखती हैं? लेकिन आज, चाहे हम कितने भी व्यस्त हों, हमें यह जानना चाहिए कि महिलाओं के मन में क्या है। बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान के आधार पर ही महिलाओं को शिशु देखभाल अवकाश और मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। आज शिक्षा के मामले में लड़कियां लड़कों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। आज महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है। महिलाएं और लड़कियां किसी भी परीक्षा में अव्वल रहती हैं। आज पुरुषों को महिलाओं से सीखने की जरूरत है, महिलाएं हर काम में आगे हैं। इस अवसर पर जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव, पूर्व विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, आईएएस उर्मिला राजोरिया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं कई समाजसेवी मौजूद थे।

Loving Newspoint? Download the app now