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BMW में अश्लील गाने सुनाकर छेड़छाड़, 24 घंटे लड़कियों पर नजर... हैरान कर देंगी चैतन्यानंद की ये काली करतूतें

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दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन एवं अनुसंधान संस्थान (SRISIIM) के कुलाधिपति स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी फरार हैं। 17 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की लड़कियों ने उन पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें अलग-अलग शहरों और राज्यों में छापेमारी कर रही हैं, लेकिन बाबा इतना शातिर है कि अब तक कानून की गिरफ्त में नहीं आया है।

संस्थान में पढ़ने वाली कई लड़कियों ने पुलिस के सामने बाबा का काला सच बयां किया है। एक पूर्व छात्रा ने 'आजतक' के कैमरे पर बाबा की काली करतूतों का पर्दाफाश भी किया है, जो चौंकाने वाला है। इस मामले को लेकर 4 अगस्त 2025 को वसंत कुंज उत्तर थाने में एफआईआर दर्ज हुई और फिर पाखंडी बाबा की हरकतों के किस्से सामने आने लगे। श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने स्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बाबा फरार हो गया।

चैतन्यानंद कहाँ छिपे हैं?

शातिर स्वामी का ठिकाना अब एक बड़ा रहस्य बन गया है। यौन शोषण के आरोप के बाद से भगवाधारी बाबा फरार है। उसे दिल्ली से भागने में कौन मदद कर रहा है? यह सवाल भी सिर उठा रहा है। पुलिस को शक है कि संस्थान और उसके बाहरी कॉकस के लोग इस काम में शामिल हैं। 5 राज्यों की पुलिस टीमें उसकी तलाश में हैं, लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। लेकिन बाबा का कोई सुराग नहीं लगा है। क्या वह भूमिगत हो गया है? देश छोड़कर भाग गया है? या बहरूपिया बन गया है आवारा? दिल्ली की सड़कों पर प्रवचनों, किताबों और वीडियो की आड़ में यह दुष्ट बाबा खेलता था। लेकिन अब उसका कोई अता-पता नहीं है।

प्रबंधन, नैतिकता और आचार-विचार पर प्रवचन देने वाला फर्जी बाबा चैत्यानंद अब गंभीर आरोपों से घिरा है। अब दिल्ली पुलिस उसे ढूंढ रही है, जो स्वयंभू संस्थान का सर्वेसर्वा था। उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के कुछ ही घंटों बाद वह लापता हो गया। उसका पता लगाना मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि वह मोबाइल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड या यूपीआई का इस्तेमाल नहीं कर रहा है।

लग्जरी कारों का शौकीन था फर्जी बाबा

माथे पर त्रिपुंड, भगवा वस्त्र और वेदांत की बातें करने वाला वह पाखंडी बाबा लग्जरी कारों का शौकीन था। पुलिस को केवल उसकी लग्जरी बीएमडब्ल्यू कार मिली, जिसे दिल्ली पुलिस ने बरामद कर लिया। दावा है कि चैतन्य इसी बीएमडब्ल्यू से भागा था, लेकिन कहाँ, यह एक रहस्य है। इसके अलावा, उसकी वोल्वो कार भी पुलिस ने जब्त कर ली। कार पर फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर (39 UN 1) था, जिसके लिए एक अलग एफआईआर दर्ज की गई थी। उसकी कार 25 अगस्त 2025 को जब्त कर ली गई थी।

दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। देश के सभी प्रवेश-निकास बिंदुओं पर निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस चैतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी की तलाश कर रही है। पूर्व छात्राओं ने बताया कि कई बार छात्राओं ने बाबा के खिलाफ शिकायत की, लेकिन पुलिस से मदद न मिलने पर वे निराश हो गईं। वर्ष 2016 में डिफेंस कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 2009 का एक पुराना मामला भी था, लेकिन बाबा हर बार पैसे लेकर बच निकलता था। पीड़िताओं का कहना है कि कई लड़कियाँ फेल होने के डर से चुप रहती थीं। अब उसके खिलाफ 5 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से दो पुरानी और तीन नई हैं। इनमें धोखाधड़ी, छेड़छाड़ और फर्जी नंबर प्लेट के मामले शामिल हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि बाबा ज़्यादातर आर्थिक रूप से कमज़ोर लड़कियों को निशाना बनाता था। EWS स्कॉलरशिप पाने वाली छात्राओं को बेहतर करियर और विदेश यात्रा का लालच दिया जाता था। विरोध करने वाली लड़कियों को परीक्षा में फेल करने की धमकी दी जाती थी। वार्डन लड़कियों को अपने कमरे में भेजती थी और व्हाट्सएप पर 'मेरे कमरे में आओ' जैसे मैसेज भेजती थी। कई बार मैसेज अश्लील होते थे। इसलिए चैट डिलीट कर दी जाती थीं। सीसीटीवी से छेड़छाड़ की जाती थी। 32 महिलाओं में से 17 ने शोषण की शिकायत की है। पूर्व छात्रा ने बताया कि संस्थान में अभी भी पढ़ रही लड़कियाँ भी ऐसी ही कहानियाँ बता रही हैं। यह व्यवस्थित शोषण था, जो 16 सालों से चल रहा था। पुलिस ने 3 वार्डन से पूछताछ की है, जिन पर मैसेज डिलीट करने का आरोप है।

लड़कियों का यौन शोषण करने वाले बाबा के बारे में अब कई विस्फोटक बातें सामने आई हैं। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के बारे में एक पूर्व छात्रा ने जो खुलासा किया है, वह चौंकाने वाला है। बाबा सालों से अपने अहंकार और दबंगई से संस्थान की लड़कियों का शोषण कर रहा था। यकीन नहीं होता, लेकिन पूर्व छात्रा ने 'आज तक' से बातचीत में बाबा के काम करने के तरीके का खुलासा किया। संस्थान की पूर्व छात्रा ने साफ कहा कि सिर्फ पूर्व छात्राएं ही नहीं, बल्कि मौजूदा लड़कियां भी ऐसी शिकायतें कर रही हैं। बाबा के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है, पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। लेकिन पुलिस ने शुरू से ही हाथ साफ रखे। अब गवाह सामने आ रहे हैं।

संस्थान की एक पूर्व छात्रा जो चैतन्यानंद के बारे में खुलासे कर रही थी, हमने उससे पूछा कि क्या किसी लड़की ने खुद शिकायत की है? उसका जवाब था कि कई लड़कियों ने कमोबेश यही कहानियां सुनाई हैं। पुलिस ने बाबा के ठिकाने से जो विवादित बीएमडब्ल्यू कार बरामद की है, उसमें भी कथित तौर पर बाबा ने ही यौन शोषण किया था। उस कार को खरीदने के बाद, बाबा ऋषिकेश 

वह बिजली लेने गया था, लेकिन रास्ते में साथ आई लड़कियों का शोषण भी किया था। श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महास्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम का यह दागी कुलाधिपति अब कानून की पहुँच से बाहर है। पुलिस सबूतों के साथ गवाह भी जुटा रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस मामले में आरोपी बाबा को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।

दूसरी ओर, दिल्ली की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका श्री शारदा संस्थान ट्रस्ट और श्रृंगेरी मठ की शिकायत पर दायर की गई थी। अदालत ने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि आरोपी को जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने इस मामले में 26 सितंबर 2025 को फैसला सुनाया। अदालत ने उसके गंभीर अपराध की प्रकृति को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि बाबा खुद को संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधि बताता था। स्वामी पर लगे आरोप न केवल यौन शोषण से जुड़े हैं, बल्कि संस्था के हितधारकों के साथ विश्वासघात से भी जुड़े हैं। श्रृंगेरी मठ ने बाबा को निदेशक पद से हटा दिया है और उनसे सभी संबंध तोड़ लिए हैं।

श्रृंगेरी पीठ ने बाबा चैतन्यानंद पर जालसाजी, छद्मवेश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पीठम का कहना है कि आरोपियों ने निजी लाभ के लिए संस्थान और उससे जुड़ी संपत्तियों और धन का दुरुपयोग किया। लगभग 20 करोड़ रुपये की संपत्ति और आय का गबन किया गया। यह मामला दिसंबर 2024 में एक प्रारंभिक ऑडिट के साथ शुरू हुआ, जब दिल्ली में वित्तीय अनियमितताएँ सामने आईं। जाँच में पता चला कि बाबा ने पीठम से जुड़े धन का दुरुपयोग किया। यह न केवल एक धोखाधड़ी है, बल्कि धार्मिक संस्थान की विश्वसनीयता पर भी सवाल है।

पाखंडी चैतन्यानंद से जुड़े इस मामले की जड़ें वर्ष 2010 में वापस जाती हैं, जब बाबा ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट नाम से एक नया ट्रस्ट बनाया था। वास्तव में यह एक धोखाधड़ी थी, क्योंकि मूल ट्रस्ट को एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त थी। चैतन्यानंद ने नए ट्रस्ट के ज़रिए सारी कमाई और राजस्व इधर-उधर कर दिया। मूल संस्था को कोई फ़ायदा नहीं हुआ, सब कुछ बाबा की जेब में चला गया। शुरुआती ऑडिट में इस साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ। बाबा ने ट्रस्ट के नामों और दस्तावेज़ों से छेड़छाड़ की। पुलिस जाँच में यह वित्तीय धोखाधड़ी साबित हुई। श्रृंगेरी पीठ ने बाबा की गतिविधियों को 'अवैध और अनुचित' बताया है।

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने तेज़ी दिखाते हुए बाबा से जुड़े 18 बैंक खाते और 28 एफडी ज़ब्त कर लिए। इनमें लगभग 8 करोड़ रुपये जमा थे। यह रकम स्वामी चैतन्यानंद उर्फ़ पार्थ सारथी द्वारा बनाए गए एक फ़र्ज़ी ट्रस्ट से जुड़ी है। जाँच एजेंसियों का मानना है कि यह साज़िश पीठम की संपत्तियों को हड़पने की कोशिश थी। हैरानी की बात यह है कि ट्रस्ट के पैसों से रेफ्रिजरेटर और कई विलासिता की चीज़ें भी खरीदी गईं।

पाखंडी बाबा चैतन्यानंद का कच्चा चिट्ठा बार-बार खुल रहा है। प्रबंधन संस्थान की आड़ में उसका गंदा खेल चौंकाने वाला है। पूर्व छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर आजतक को बताया कि संस्थान में बाबा का पूरा कॉकस काम करता था। वह छात्रों पर मनमर्जी से दबाव बनाता था, विरोध करने वालों को परेशान किया जाता था। पूर्व छात्रों ने दोहराया कि 2016 में डिफेंस कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। बाबा पैसे बचाता रहा। अब तमाम मामले उसकी अपराध कुंडली खोल रहे हैं। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। दिल्ली पुलिस की डीसीपी ऐश्वर्या सिंह ने बताया कि चैतन्यानंद की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। छापेमारी जारी है।

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