भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच पर पाकिस्तान को आईना दिखाकर उसके झूठ को उजागर कर दिया। आतंकवाद पर पाकिस्तान के उपदेश के बाद भारत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो नागरिकों और आतंकवादियों में अंतर नहीं करता। नागरिकों की सुरक्षा की चर्चा में उसकी (पाकिस्तान की) भागीदारी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का अपमान है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत हरीश पुरी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा' विषय पर खुली बहस में बोल रहे थे, जिसमें संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों, मानवीय कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और संयुक्त राष्ट्र कर्मियों के लिए खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राजदूत पुरी ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, 'मुझे पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा कई मुद्दों पर लगाए गए निराधार आरोपों का जवाब देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पहला, भारत दशकों से अपनी सीमा पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, "नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है। जो देश आतंकवादियों और नागरिकों में अंतर नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है।" हाल की एक घटना का जिक्र करते हुए पुरी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना ने इस महीने की शुरुआत में जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा, 'हमलों में 20 से अधिक नागरिक मारे गए और 80 से अधिक घायल हो गए। गुरुद्वारों, मंदिरों और कॉन्वेंटों सहित पूजा स्थलों के साथ-साथ स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों को भी जानबूझकर निशाना बनाया गया। ऐसा काम करने के बाद इस मंच पर उपदेश देना घोर पाखंड है।'
'भारत को पाकिस्तान प्रायोजित हमलों का दुख है'हरीश ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों को झेल रहा है। उन्होंने कहा, 'इसमें मुंबई शहर पर हुए भीषण 26/11 हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है। पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है।' ऐसे देश का नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का भी अपमान है।'
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बार-बार नागरिकों का इस्तेमाल किया है। न्होंने कहा, 'हमने हाल ही में वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते देखा है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो आतंकवादियों और नागरिकों में अंतर नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।'
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