राजस्थान की धरती सिर्फ रेत के टीले और किलों के लिए ही नहीं जानी जाती, बल्कि यहां के मंदिर भी आस्था और चमत्कार की मिसाल हैं। ऐसा ही एक मंदिर है राजस्थान का प्रसिद्ध 'श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर', जो इच्छापूर्ति के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है। इस मंदिर में भगवान गणेश को “इच्छाओं को पूर्ण करने वाले देवता” के रूप में पूजा जाता है। यही वजह है कि यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त अपनी मन्नतें लेकर आते हैं — और इनमें से कई भक्त विदेशों से भी होते हैं, जो डाक या ईमेल के माध्यम से अपनी अर्जियां भेजते हैं।
कहां स्थित है यह मंदिर?यह चमत्कारी गणेश मंदिर राजस्थान के प्रमुख धार्मिक शहर नाथद्वारा या डूंगरपुर (स्थान में भिन्नता हो सकती है) के पास स्थित है। यह मंदिर पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है, और यहां पहुंचते ही भक्तों को एक अलग आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है। मंदिर परिसर स्वच्छ, शांत और अत्यंत दिव्य है, जो हर श्रद्धालु को शांति और सुकून देता है।
अर्जियों से भर जाता है मंदिर का कमराइस मंदिर की खास बात यह है कि यहां आने वाले भक्तों के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले गणेश भक्त भी अपनी मन्नतें पत्रों और ईमेल के माध्यम से भेजते हैं। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, हर हफ्ते विदेशों से सैकड़ों अर्जियां आती हैं — खासकर अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और यूके जैसे देशों से। इन अर्जियों में कोई नौकरी की कामना करता है, कोई व्यापार में सफलता चाहता है, तो कोई पारिवारिक सुख की दुआ करता है।
मंदिर प्रशासन इन अर्जियों को विधिवत पूजा के दौरान गणेश जी के चरणों में अर्पित करता है। कहा जाता है कि बप्पा किसी की भी सच्चे मन से की गई अर्जी को खाली नहीं लौटाते।
बप्पा की मूर्ति और पूजा विधि है खासमंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा अत्यंत प्राचीन मानी जाती है और स्वयंभू (स्वतः प्रकट) मानी जाती है। प्रतिमा के दर्शन मात्र से भक्तों के चेहरे पर सुकून और श्रद्धा झलकने लगती है। हर बुधवार को विशेष पूजा होती है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगण शामिल होते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु जुटते हैं।
विवाह और नौकरी की मन्नतें सबसे ज्यादामंदिर में आने वाले भक्तों की अर्जियों में सबसे अधिक संख्या विवाह और नौकरी से जुड़ी मन्नतों की होती है। कई युवा यहां शादी योग्य जीवनसाथी की कामना लेकर आते हैं, तो कई बेरोजगार युवक-युवतियां नौकरी के लिए बप्पा से आशीर्वाद मांगते हैं। एक बार मन्नत पूरी हो जाने पर भक्त वापस आकर विशेष पूजा, भजन और भोग अर्पित करते हैं।
भक्तों की आस्था बनाती है इसे विशेषयह मंदिर केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु एक खास ऊर्जा और शांति लेकर लौटता है। विदेशों तक फैली इस मंदिर की प्रसिद्धि यह दर्शाती है कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती।
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