क्वेटा (बलोचिस्तान) पाकिस्तान, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के ‘ऑपरेशन हेरोफ’ की पहली वर्षगांठ पर सोमवार को बलोचिस्तान के कई जिलों में सशस्त्र झड़पें हुई हैं। राजमार्गों की नाकेबंदी और कड़े प्रतिबंध लगाए गए। मस्तुंग जिले में आमच बांध के पास पाकिस्तान की सेना और बलोच लड़ाकों के बीच भीषण झड़पें हुईं। स्थानीय सूत्रों ने दावा किया कि कई सैनिक मारे गए और अनेक घायल हो गए। हेलीकॉप्टरों को शवों और घायल कर्मियों को क्वेटा ले जाते देखा गया। इलाके में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है।
द बलोचिस्तान पोस्ट ने सूत्रों के हवाले आज प्रसारित अपनी खबर में यह जानकारी दी। बताया गया कि बलोच लड़ाकों ने सोमवार रात क्वेटा के पास मस्तुंग के दश्त इलाके में चौकियां स्थापित कीं। इससे पहले दिन में हथियारबंद लोगों ने मस्तुंग जिले के कडकोचा में नाकाबंदी की। इस कारण कई घंटों तक यातायात बाधित रहा।
केच जिले के कलातुक इलाके में लड़ाकों ने मुख्य राजमार्ग पर एक चौकी स्थापित की। इस दौरान लेवी के जवानों को कुछ देर के लिए हिरासत में रखा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रिहा होने से पहले उनके हथियार छीन लिए गए। हथियारबंद लोग कई घंटों तक सड़क पर वाहनों की तलाशी लेते रहे। इस बीच, सिबी के मिथरी इलाके में एक सुरक्षा चौकी पर हमला हुआ। तुरबत शहर में नाकाबंदी कर रहे पाकिस्तान के बलों को निशाना बनाकर एक ग्रेनेड विस्फोट किया गया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि कम से कम दो जवान मारे गए या घायल हुए।
इस बीच, पाकिस्तान ने बलोचिस्तान में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं और कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। पाकिस्तान रेलवे ने पुष्टि की है कि क्वेटा और पेशावर के बीच जफर एक्सप्रेस का संचालन दो दिनों के लिए रोक दिया गया है। यह ट्रेन आज भी क्वेटा से पेशावर नहीं जाएगी। बसीमा में रात 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक ग्रीन चौक और दुरोग के बीच सभी प्रकार की आवाजाही रोक दी गई। केच के नसीराबाद इलाके में बाजार कई दिनों से बंद हैं। 10 अगस्त को सहायक आयुक्त अफजल बाकी और उनके बेटे के अपहरण के बाद से जियारत में एक हफ्ते से भी अधिक समय से कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे हुए हैं। दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद हैं। कई जिलों में इंटरनेट, मोबाइल और बैंकिंग सेवाएं पहले से निलंबित हैं।
‘ऑपरेशन हेरोफ’ क्या है?
बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 25 अगस्त 2024 की शाम ‘ऑपरेशन हेरोफ’ शुरू किया था। इसे ‘बलोचिस्तान को पुनः प्राप्त करने’ के लिए एक बहुचरणीय प्रतिरोध अभियान का पहला चरण बताया। बलोची और ब्राहुई भाषाओं में ‘हेरोफ’ शब्द का अर्थ काला तूफान होता है। मजीद ब्रिगेड, स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वॉड (एसटीओएस) और फतेह स्क्वॉड सहित समूह की विशेष इकाइयों के सैकड़ों लड़ाकों ने इसमें हिस्सा लिया। यह अभियान लगभग बीस घंटे तक चला और इसने अस्थायी रूप से क्षेत्र के बड़े हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर दिया।
बीएलए ने तब इस अवधि में 130 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा करते हुए मकरान से कोह-ए-सुलेमान तक के प्रमुख राजमार्गों के साथ-साथ सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी कब्जा करने की बात कही। इस अभियान के दौरान 14 जिलों में एक साथ पुलिस और लेवी स्टेशनों पर धावा बोला गया। हथियार छीन लिए गए। रेलवे पुल नष्ट कर दिए गए और प्रमुख सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं। विश्लेषकों ने इस हमले को बलूच विद्रोह के इतिहास की सबसे बड़ी समन्वित कार्रवाई बताया था। तब से बीएलए अपने अभियान को अंजाम दे रहा है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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