देहरादून, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून में मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत संचालित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में चयनित 15 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 15 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न विभागीय निर्माण योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि ये सभी परियोजनाएं न केवल जनजातीय समाज की आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगी। मुख्यमंत्री ने चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी युवा शिक्षक नई पीढ़ी के समग्र विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि पूर्व की सरकारें केवल दिखावे के लिए ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थीं, जबकि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए धरातल पर नए-नए कार्य किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने जनजातीय समाज के विकास के लिए दिए जाने वाले बजट को पहले के मुकाबले 3 गुना तक बढ़ाया दिया है। वहीं जनजातीय समाज के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान, वन धन योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन जैसी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। आज हमारे राज्य में 4 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हो रहे हैं, जिसमें जनजातीय समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसी तरह सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ में भोटिया तथा राजी जनजाति के शैक्षिक उन्नयन के लिये एकलव्य विद्यालय खोलने के लिए अभी हाल ही में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भी आदिवासी समाज के कल्याण के लिए अनेकों कार्य कर रही है। जहां एक ओर जनजातीय समाज के बच्चों को प्राइमरी स्तर से स्नातकोत्तर स्तर तक की कक्षाओं में छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है वहीं, राज्य में 16 राजकीय आश्रम पद्वति विद्यालयों का संचालन भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, जनजाति समाज के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में तीन आईटीआई संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। जनजाति समाज के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के कार्यों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार भी उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है। राज्य सरकार ने 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है। इसके साथ ही, उत्तराखंड में देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून को लागू किया गया है, लेकिन जनजातियों की परम्पराओं रीति रिवाजों के संरक्षण के लिए सभी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय शोध संस्थान में सौन्दर्यीकरण और बालिकाओं के लिए हाईटेक शौचालय ब्लॉक का निर्माण, आदि लक्ष्य संस्थान में डाइनिंग हॉल का निर्माण कराने की घोषणा की है।
कार्यक्रम में मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, दलीप सिंह रावत, प्रमोद नैनवाल, अध्यक्ष जनजाति आयोग लीलावती राणा, सचिव समाज कल्याण श्रीधर बाबू अद्दांकी, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, निदेशक समाज कल्याण चंद्र सिंह धर्मशक्तू एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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