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विवादित ऑडियो क्लिप पर घिरी तृणमूल, अणुव्रत मंडल से चार घंटे में बिना शर्त माफी की मांग

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कोलकाता, 30 मई . तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व बीरभूम ज़िलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल की एक कथित ऑडियो क्लिप शुक्रवार को वायरल होने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मच गई है. इस क्लिप में मंडल को एक पुलिस अधिकारी को अपशब्द कहने और गंभीर धमकी देने की बात सामने आई है.

इस विवादास्पद ऑडियो को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने सोशल मीडिया पर साझा कर ममता बनर्जी की सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. वहीं, बढ़ते दबाव के बीच तृणमूल कांग्रेस ने अणुव्रत मंडल के बयान से स्पष्ट तौर पर खुद को अलग करते हुए उनकी भाषा को अस्वीकार्य और निंदनीय बताया है. पार्टी ने उन्हें चार घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है. ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की चेतावनी दी गई है.

तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से जारी बयान में कहा कि पार्टी अणुव्रत मंडल द्वारा पुलिस अधिकारी के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से खुद को पूरी तरह अलग करती है. हम इस तरह की अमर्यादित और अस्वीकार्य भाषा की कड़ी निंदा करते हैं. पार्टी उन्हें अगले चार घंटों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देती है. ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने अणुव्रत मंडल को “समाजविरोधी तत्त्व” बताते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार ऐसे लोगों को संरक्षण देती है. उन्होंने कहा, “इस ऑडियो को सुनकर ही यह स्पष्ट हो जाता है कि किस तरह के खतरनाक तत्त्व मुख्यमंत्री की छत्रछाया में सुरक्षित हैं. बीरभूम का यह कथित ‘छाल उतरा बाघ’, जो समय-समय पर ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी से जूझता है, एक पुलिस अधिकारी से कैसे बात कर रहा है, यह सुनकर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है.”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी इस क्लिप को साझा करते हुए कहा कि जब एक पुलिस अधिकारी को इस तरह धमकाया जा सकता है, तो आम जनता कितनी असुरक्षित होगी. उन्होंने आशंका जताई कि यह अधिकारी या तो 48 घंटे में ‘क्लोज’ कर दिया जाएगा या सुंदरबन भेज दिया जाएगा.

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मामले को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री की नाक के नीचे तृणमूल नेता एक पुलिसकर्मी को उसकी मां और पत्नी से बलात्कार की धमकी देता है. यह तृणमूल का असली चेहरा है –निरंकुश, कानूनविहीन और बेहया. जब पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं, तो महिलाओं और आम नागरिकों की सुरक्षा की कल्पना कीजिए.

मामला सामने आने के बाद अणुव्रत मंडल के खिलाफ कानूनी मामला भी दर्ज किया गया है. फिलहाल सभी की नजरें तृणमूल की आगे की कार्रवाई और मंडल के माफीनामे पर टिकी हैं.

/ अनिता राय

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