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पारंपरिक रूप से मना जतरा, ढोल नगाडे की थाप पर झूमे ग्रामीण

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लाेेेेेेहरदगा, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . भंडरा प्रखंड अंतर्गत मसमानो Monday बाजार बगीचा में Saturday को जतरा आयोजन समिति, 7 पड़हा केंद्र पलमी-मसमानो-ठाकुर गांव के बैनर तले पारंपरिक जतरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर क्षेत्र के लोगों ने पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा धारण कर ढोल, मांदर, नगाड़ा और पारंपरिक गीतों की थाप पर Jharkhandी संस्कृति की अनूठी छटा बिखेरी. पूरा क्षेत्र लोकसंस्कृति की लय से गुंजायमान हो उठा.

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखिया परमेश्वर महली ने कहा कि जतरा हमारी पहचान और परंपरा का प्रतीक है. यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारे समाज की एकजुटता, भाईचारा और सामाजिक बंधन का प्रतीक है. जतरा के माध्यम से गांव-गांव के लोग मिलते हैं, एक-दूसरे की खुशियों और दुखों में साझेदार बनते हैं. आज के बदलते समय में हमें अपनी इस परंपरा को और सशक्त बनाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी भी हमारी संस्कृति को समझ सके. वहीं लाल देशनाथ शाहदेव ने कहा कि आदिवासी संस्कृति की जड़ें बेहद गहरी हैं और जतरा इसका जीवंत उदाहरण है.

कार्यक्रम में लालपुर, तिगरा, मसमानो टांगरटोली, बरवाटोली सहित कई गांवों के खोड़हा दल शामिल हुए, जिन्होंने अपने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य प्रस्तुत कर स्थानीय संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन किया. जतरा स्थल पर खेल-खिलौने, मिठाई और स्थानीय वस्तुओं की दुकानों में भी भारी चहल-पहल रही.

जतरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उदरंगी पंचायत के मुखिया परमेश्वर महली, सामाजिक कार्यकर्ता कलेश्वर साहू, ग्राम प्रधान सुकरा पाहन, लाल त्रिभुवन नाथ शाहदेव, लाल देश नाथ शाहदेव, लाल त्रिविक्रम नाथ शाहदेव, लाल सुरेश नाथ शाहदेव, निरंजन एक्का, शंकर राम, विजय साहू, जगनारायण सिंह, बासुदेव पाहन सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.

इसके पूर्व समिति की ओर से अतिथियों का पारंपरिक रीति से स्वागत किया गया. इसके बाद सभी अतिथियों ने विभिन्न खोड़हा दलों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया. कार्यक्रम में प्रत्येक दल के अगुवाओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन बबलू उरांव और कलेश्वर उरांव ने संयुक्त रूप से किया.

जतरा को सफल बनाने में प्रकाश उरांव, अमृत उरांव, लखन उरांव, लालमोहन उरांव, छोटू उरांव, नीरज उरांव, केश्वर उरांव, एतवा उरांव सहित गांव के सैकड़ों ग्रामीणों का अहम योगदान रहा.

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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar

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