अगली ख़बर
Newszop

मप्र के छिंदवाड़ा में कफ सिरप को माना जा रहा छह बच्चों की मौत की वजह, बिक्री पर रोक

Send Push

भोपाल, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh में छिंदवाड़ा के छह बच्चों की गत दिनों एक सप्ताह के भीतर किडनी फेल होने से 6 बच्चों की मौत के बाद कलेक्टर ने कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रो-डीएस बेचने पर रोक लगा दी है. बच्चों की मौत के पीछे इन दोनों सिरप को जिम्मेदार माना जा रहा है. इन सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल की गड़बड़ी का संदेह है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और Madhya Pradesh फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमपी एफडीए) ने टीम को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को दी गई हर दवा की जांच की जाए.

मप्र के ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि सिर्फ दो नहीं बल्कि तीन सिरप के मुख्य रूप से सैंपल लिए गए हैं. इसमें कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रो-डीएस के अलावा डीफ्रोस्ट सिरप भी शामिल है. इनके अलावा बच्चों को जो प्रिस्क्रिप्शन दिया गया था, उसमें लिखी हर दवा के सैंपल भी लिए गए हैं. एफडीए और सीडीएससीओ की टीम ने भी रैंडम चेकिंग और सैंपल कलेक्शन किया है.

ड्रग कंट्रोलर मौर्य ने बताया कि संदिग्ध सिरप की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु और Himachal Pradesh की कंपनियों ने की है. इन्हीं राज्यों से यह सिरप छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई हुए. इस संबंध में दोनों राज्यों के ड्रग कंट्रोलर को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें कंपनी से लेकर बैच नंबर तक की जानकारी दी गई है, ताकि वहां संबंधित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की जांच हो सके. इधर, सैंपलों का पहला बैच टेस्टिंग के लिए भेजा जा चुका है. रिपोर्ट आने पर जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि सीडीएससीओ की टीम ने पूरे राज्य से संदिग्ध सिरप के सैंपल लिए हैं. यह प्रक्रिया रैंडम कलेक्शन के तहत की गई है, ताकि बड़े स्तर पर खतरे की सही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके. सभी जिलों की टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. किसी भी तरह का केस आते ही तत्काल रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. वर्तमान में सभी टीमें निरीक्षण और सैंपल कलेक्शन का काम कर रही हैं.

इधर, छिंदवाड़ा कलेक्टर ने एडवाइजरी जारी की है कि सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं. यदि बच्चा 6 घंटे तक पेशाब नहीं कर रहा है तो डॉक्टर को दिखाएं. झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं और मेडिकल स्टोर से खुद दवा न लें. पानी उबालकर पिएं, ताजा भोजन करें और स्वच्छता का ध्यान रखें.

मेडिकल स्टोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि बिना प्रिस्क्रिप्शन कंबिनेशन ड्रग्स न दें. प्रतिबंधित खांसी की सिरप न बेचें. बिना पर्चे के एंटीबायोटिक न दें. वहीं, डॉक्टरों से कहा गया कि सर्दी-खांसी-बुखार से पीड़ित बच्चों की निगरानी करें, खासकर यदि पहले से दवा ले रहे हों. 6 घंटे तक बच्चा पेशाब न करे तो ऑब्जर्वेशन में रखें और जरूरत पड़ने पर हायर सेंटर रेफर करें.

(Udaipur Kiran) तोमर

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें