जयपुर, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . शहर की निचली अदालत ने Rajasthan विश्वविद्यालय में आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में हंगामा करने और राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ और 8 अन्य आरोपिताें की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. महानगर प्रथम की न्यायिक मजिस्ट्रेट, दक्षिण ने यह आदेश विनोद जाखड़ सहित किशोर चौधरी, मनीष, महेश कुमार, रामसिंह, विकास, साहिल, अक्षय और राकेश कुमार सैनी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए. पीठासीन अधिकारी नीलम सुलभ जैन ने अपने आदेश में कहा कि आरोपिताें पर बीएनएस सहित पीडीपीपी एक्ट के तहत गंभीर आरोप हैं. आरोपिताें पर कार्यक्रम स्थल पर लगे पोडियम को गिराने, पोस्टर फाडक़र कार्यक्रम कर रहे लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और पुलिस की गाडी की लाइट तोडकर राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. इसके अलावा आरोपित विनोद जाखड़ के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में पहले से ही आधा दर्जन मामले दर्ज हैं. ऐसे में आरोपित को आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.
जमानत अर्जी में कहा गया कि पुलिस ने विधि के आज्ञापक प्रावधानों की अवहेलना करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर आरोपित बनाया है. मामले में एक तरफ तो उन्हें घटना के समय शांतिभंग और अपराध किए जाने की संभावना के आधार पर गिरफ्तार किया गया, वहीं दूसरी तरफ गंभीर धाराओं में अपराध करना मानते हुए उन्हें उसी घटनाक्रम में गिरफ्तार किया गया. ऐसे में एक ही घटना की दो रिपोर्ट बनाना कानूनी रूप से स्वीकार नहीं है. इसके अलावा गिरफ्तारी से पूर्व धारा 41 के प्रावधानों की पालना नहीं की गई. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने जमानत अर्जी खारिज करने की गुहार की. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत में आरोपितों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.
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(Udaipur Kiran)
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