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भारत-पाक युद्ध में शहीद इम्तियाज के परिवार को 5 करोड़ और परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग

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अररिया, 11 मई . पाकिस्तान धोखेबाज है यह तो हर कोई जानता है, लेकिन वह अपनी कही बातों और किये गए वादों से भी पलट जाता है. ऐसा ही शनिवार को तब हुआ जब सीजफायर की घोषणा करने के बाद पाकिस्तान ने धोखे से फिर बॉर्डर पर गोलीबारी शुरू कर दी. युद्ध विराम की स्थिति में हुई इस क्रॉस बार्डर फायरिंग में बिहार के छपरा का लाल बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज शहीद हो गए. उन्होंने अपने साथियों को बचाने के लिए प्राणों की आहुति दी.

अररिया सहित पूरे बिहार व उनके गांव छपरा के नारायणपुर में शोक की लहर है. मगर लोग उनके इस अदम्य साहस को सलाम कर रहे हैं.

इस संबंध में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता सह आजाद हिंद फौज के संयोजक प्रभात यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पत्र भेजकर शहीद मो. इम्तियाज के परिवार को 5 करोड़ का आर्थिक सहयोग देने तथा एक परिजन को सरकारी नौकरी की घोषणा की मांग किया है.

प्रभात यादव ने पत्र में लिखा कि छपरा जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी मो. इम्तियाज साहब जम्मू के आरएसपुरा में बीएसएफ इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे और देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गये. घर पर सिर्फ़ बीमार पत्नी है उन्हें अभी तक यह पता नहीं है की पति भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद हो चुके हैं. बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज ने क्रॉस बॉर्डर फायरिंग के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.

प्रभात यादव ने कहा कि उनका यह बलिदान पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि वर्दी पहनने वाले जवानों की देशभक्ति मजहब से नहीं, उनके जज़्बे और समर्पण से तय होती है.मो. इम्तियाज़ ने यह साबित कर दिया कि भारत की सरहदों की सुरक्षा में हर धर्म, हर वर्ग के सैनिक कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. उन्होंने राज्य सरकार से पत्र के माध्यम से राष्ट्रहित व राज्य हित में शहीद इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज के परिवार को 5 करोड़ का आर्थिक सहयोग देने तथा एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा करने की मांग की.साथ ही शहीद मो. इम्तियाज की स्मृति में उनके पैतृक गांव नारायणपुर में ‘गौरव द्वार’ का निर्माण की मांग की.

/ राहुल कुमार ठाकुर

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