रांची, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि राज्य सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने पेसा नियमावली को लागू करने की दिशा में गंभीर पहल की है। विभिन्न विभागों से सुझाव लेकर पेसा नियमावली को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है। पांडेय ने यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर पलटवार करते हुए बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
पांडेय ने कहा कि सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा नेता आदिवासी और दलित समाज की चिंता करने का दिखावा कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री रहते रघुवर दास ने पेसा कानून लागू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि दास वास्तव में आदिवासियों के हितैषी थे तो जनता ने उनकी सरकार को नकार कर लगातार दो बार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को जनादेश क्यों दिया।
उन्होंने भाजपा शासनकाल को भ्रष्टाचार, सीएनटी-एसपीटी उल्लंघन और कॉरपोरेट परस्ती से जोड़ते हुए कहा कि रघुवर दास को अपने कार्यकाल का हिसाब देना चाहिए।
पांडेय ने आरोप लगाया कि भाजपा के लिए लोकतंत्र केवल सत्ता हासिल करने का जरिया है, जबकि झामुमो सरकार जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रही है।
नगर निकाय चुनाव को लेकर पांडेय ने कहा कि भाजपा की नीयत पिछड़े वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व देने की नहीं रही है। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को दरकिनार कर चुनाव कराने सेे संबंधित दबाव डालना भाजपा केे पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर करता है।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar