कोलकाता, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . West Bengal की राजधानी कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता मदन मित्रा के गाए एक गाने का आनंद लेने पर Chief Minister ममता बनर्जी Indian जनता पार्टी (भाजपा) के निशाने पर आ गई हैं. भाजपा ने उन पर सनातन धर्म और सनातनी मान्यताओं को कुचलने का आरोप लगाया है.
West Bengal में दुर्गा पूजा के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर भारी विवाद का कारण बन गया है. राजधानी कोलकाता के एक भव्य पूजा पंडाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक मदन मित्रा मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने मशहूर गीत मेरे दिल में मक्का है, मेरी आंखों में मदीना है… गाते दिखाई दिए हैं. इस दौरान मौजूद Chief Minister ममता बनर्जी ने भी ताली बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया. यह वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और चौतरफा आलोचना शुरू हो गई.
नवरात्र के नौ दिनों में लोग शक्ति की देवी दुर्गा की आराधना करते हैं, देवी स्तुति, दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ होता है. ऐसे में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने इस्लाम से संबंधित गान किए जाने को सनातन आस्था पर आघात माना जा रहा है. सैकड़ो लोगों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा कि दुर्गा पूजा पंडालों में देवी की वंदना की जगह काबा और मदीना का गुणगान आस्था का अपमान है और यह सनातनियों को आहत करने वाला कृत्य है. लोगों ने इसे ममता सरकार की वोट बैंक राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि राज्य की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
Indian जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी का कहना है कि ममता बनर्जी मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए बार-बार सनातन परंपराओं का अपमान करती रही हैं. आलोचकों ने सवाल उठाया कि यदि विधायक मदन मित्रा के दिल में काबा और आंखों में मदीना है, तो उन्हें किसी मस्जिद में जाकर भजन करना चाहिए था, न कि दुर्गा पंडाल में देवी प्रतिमा के सामने.
बीजेपी नेता राहुल सिंन्हा ने कहा कि यह वही West Bengal है, जहां प्रशासन ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित एक पूजा पंडाल को बंद कराने के लिए पूरा सरकारी तंत्र झोंक दिया, लेकिन मां दुर्गा के सामने इस्लामिक गीत गाए जाने पर Chief Minister स्वयं तालियां बजा रही हैं.
नमाज के समय दुर्गा पूजा का माइक बंद रखने का आदेश
विवाद को और गहराई तब मिली जब उत्तर 24 परगना के आमडांगा से टीएमसी विधायक रफिकुर रहमान ने स्थानीय पूजा समितियों को आदेश दिया कि नमाज के समय दुर्गा पूजा मंडप के माइक बंद रखे जाएं. इसके लिए बाकायदा समय निर्धारित किया गया और मस्जिद कमेटी की ओर से लिखित निर्देश जारी किए गए. सवाल उठ रहा है कि साल में हर दिन होने वाली नमाज को प्राथमिकता देते हुए मात्र नौ दिनों की दुर्गा पूजा के अनुष्ठानों पर अंकुश लगाने का प्रयास कितना सही है?
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर आम लोगों में भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं. कई यूजर्स ने लिखा कि दुर्गा पूजा, जिसे पूरी दुनिया बंगाल की पहचान मानती है, वहां देवी की स्तुति के स्थान पर दूसरे मजहब के प्रतीकों का गुणगान करना आस्था के साथ खिलवाड़ है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में ममता बनर्जी सरकार की ओर से मोहर्रम के चलते दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगा दी गई थी, जिसे बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सरकार के आदेश को खारिज कर दिया था. वर्ष 2014 में मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद में दुर्गा पूजा पंडाल बनाने पर रोक लगाई गई थी और 2023 में रामनवमी शोभायात्रा पर पाबंदी लगा दी गई थी. नये मामले ने पुराने विवादों की यादें भी ताजा कर दी हैं.
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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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