सिरसा, 20 अप्रैल . हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लगभग 36 लाख मैट्रिक टन गेहूं मंडियों व खुले में पड़ी है. मंडियों में करीब 54 लाख 50 हजार मैट्रिक टन गेहूं आ चुकी है और उठान सिर्फ 18 लाख 30 हजार मैट्रिक टन तक हुआ है.
बजरंग गर्ग रविवार को सिरसा में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. बजरंग गर्ग ने कहा कि गेहूं का समय पर उठान न होने के कारण गेहूं मंडी व सडक़ों पर खराब हो रही है.
मुख्यमंत्री के गेहूं खरीद, उठान व भुगतान 48 घंटे में करने के सभी दावे फेल सिद्ध हुए है. जब 48 घंटे में गेहूं का उठान नहीं हो रहा है तो भुगतान सरकार कैसे करेगी. सरकार ने गेहूं उठान का टैंडर लेट दिया और मंडियों में बारदाना भी लेट देने के कारण भी गेहूं उठान में देरी हुई है.
बजरंग गर्ग ने कहा कि गेहूं की खरीद व उठान लेट होने के कारण करोड़ों रुपए की गेहूं की फसल जलकर व बारिश से खराब हो गई है. सरकार को तुरंत किसान को नुकसान की भरपाई करनी चाहिए और सरकारी गेहूं की खरीद पर 300 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके.
गर्ग ने कहा कि सरकार की तरफ से गेहूं खरीद, उठान व भुगतान के पुख्ता से पुख्ता प्रबंध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि गेहूं उठान के ठेकेदार व सरकारी अधिकारी उठान के नाम जो 3 रुपए से 6 रुपए तक बोरी मांग रहे हैं, सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री को अपने वादे के अनुसार गेहूं की खरीद, उठान व भुगतान 48 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए. व्यापारी नेता ने कहा कि सरकार को सरसों, नरमा, बाजरा, मूंग, गेहूं, धान व हर अनाज खरीद पर पहले की तरह आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत आढ़त देनी चाहिए. सरकारी अधिकारी व ठेकेदार की लाहपरवाही के कारण गेहूं उठान में देरी होने पर घटती आने पर घटती के पैसें आढ़तियों के न काटकर उसका पैसें अधिकारी व ठेकेदार से रिकवरी की जाए क्योंकि सरकारी एजेंसी द्वारा गेेहूं खरीद के बाद गेहूं सरकार की हो जाती है ऐसे में उसके घटती के पैसें आढ़तियों से काटना सरासर गलत है जिसे किसी कीमत पर सहन नही किया जाएगा.
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/ Dinesh Chand Sharma
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