नई दिल्ली, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । चुनाव आयोग पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि छल-कपट के माध्यम से सत्ता को हासिल करने का खेल कांग्रेस ने हमेशा से खेला है।
केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि कल सोनिया गांधी को लेकर एक प्रश्न पूछा गया था, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पूरी कांग्रेस मौन साधे हुए है। किसी भी नेता का एक जवाब नहीं आया। साल
1983 में जब सोनिया गांधी को भारत की नागरिकता मिली थी उससे तीन साल पहले बिना भारत के नागरिक हुए किस तरह से, किस कानून से, किस आधार पर उन्होंने मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराकर मताधिकार का प्रयोग किया था।
शेखावत ने कहा कि साल 1952 के चुनावों में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भरी हुई मतपेटियों में नाइट्रिक एसिड डाला गया था, ताकि नतीजों पर नकारात्मक असर पड़ सके। मतपत्रों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें अखबारों में छपीं। उसके बाद गांधी-नेहरू परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए इंदिरा गांधी के चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी की कमी के अलावा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाए गए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था। जब राजीव गांधी कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे, तब उनके अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी में खुलेआम बूथ कैप्चरिंग की गई, लोगों को वोट देने से रोका गया। इसलिए अमेठी में पुनर्मतदान की आवश्यकता थी। पुनर्मतदान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए इसे रोकने के कई प्रयास किए गए। 1980 में सोनिया गांधी ने वोट किया लेकिन उन्हें देश की नागरिकता ही 1983 में मिली थी। इस पर न तो परिवार और न ही कांग्रेस ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस चुप है। यह कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर 1957, 1962, 1967 में कांग्रेस ने सभी चुनावों में जो धांधली की, वो आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। सत्ता की प्राप्ति के लिए और नैतिक-अनैतिक रूप से प्राप्त की गई सत्ता पर किसी भी तरह काबिज बने रहने के लिए अनैतिक रास्तों से चुनाव जीतने के लिए, फर्जीवाड़ा, छल-कपट के माध्यम से सत्ता को हासिल करने का खेल कांग्रेस ने हमेशा से खेला है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि राहुल गांधी जब से कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हैं, वो हमेशा देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े दिखे।
जब हर ऐसे मौके पर एकजुट होने की आवश्कता थी या हर ऐसा अवसर जब देश किसी विषय को लेकर गर्व कर रहा था, तब वे विरोधी ताकतों या विदेशी ताकतों के साथ गलबहियां करते हुए दिखे।
—————
(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
You may also like
किश्तवाड़ घटना के पीड़ितों की आपबीती, 'एकदम से बम फटने की आवाज़ आई, सब धुआं-धुआं हो गया'
रेलवे में विस्फोट की धमकी के बाद स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस अलर्ट
घुटनों में दर्द है? नहीं बचे चलने लायक? बसˈ 7 दिन करें ये उपाय फर्क होगा खुद महसूस
Government Job : सीमा सुरक्षा बल में हेड कांस्टेबल की भर्ती, जल्द शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया
लोगों ने कहा था 'चूहा', लेकिन यही बन गया सिनेमा का सबसे बड़ा विलेन: रमेश सिप्पी