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मुर्शिदाबाद हिंसा : हालात संभालने के लिए पुलिस ने जिस बीएसएफ से मांगी थी मदद, ममता बनर्जी ने उसी पर लगाया दोष

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कोलकाता, 16 अप्रैल . वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस हिंसा के पीछे बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ था और उन्हें रोकने में बीएसएफ नाकाम रही.

कोलकाता में मुस्लिम समुदाय के इमामों, मुअज्जिनों और धर्मगुरुओं के साथ बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जुड़ा एक वीडियो देखा जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. उसमें कहा गया है कि मुर्शिदाबाद की अशांति में बांग्लादेशी उपद्रवियों की भूमिका है. अगर यह सच है, तो जिम्मेदारी कौन लेगा? बीएसएफ किसके निर्देश पर काम करती है? वह गृह मंत्रालय के अधीन है, तो दोष हमारा कैसे हुआ?

मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद की हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसके पीछे उकसावे की रणनीति थी. उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस इसके पीछे होती, तो पार्टी के सांसद और विधायक के घरों पर हमला नहीं होता. मैं यहां कोई भड़काऊ बयान देने नहीं आई हूं, बल्कि शांति का संदेश देने आई हूं.

ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी केंद्रीय एजेंसियों की मदद से बाहरी लोगों को बंगाल लाकर तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि राम नवमी के मौके पर दंगा भड़काने की साजिश थी, लेकिन बंगाल की जनता ने उसे नाकाम कर दिया. अब वक्फ कानून को लेकर तनाव फैलाने की कोशिश हो रही है, जिसे हमें रोकना होगा.

मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि बुधवार की यह बैठक उनकी ओर से नहीं बुलाई गई थी, बल्कि इमामों ने उन्हें आमंत्रित किया था. उन्होंने कहा कि मैंने यह बैठक नहीं बुलाई. मुझे बुलाया गया था, इसलिए मैं आई.

/ ओम पराशर

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