गुमला, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . कृषि विज्ञान केंद्र विकास भारती बिशुनपुर के सभागार में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन पर तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का समापन बुधवार को हुआ. यह प्रशिक्षण जिला उद्यान विभाग के वित्तीय सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए 25 किसानों और ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया.
मुख्य अतिथि जिला उद्यान पदाधिकारी तमन्ना परवीन ने कहा कि Jharkhand का जैविक वातावरण, विविध पुष्पीय संसाधन और तापमान की अनुकूलता शहद उत्पादन के लिए आदर्श है. वैज्ञानिक पद्धति अपनाने से किसानों की आय बढ़ेगी और फसल उत्पादन में 25-30 प्रतिशत तक वृद्धि संभव है.
प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडरी ने कहा कि मधुमक्खी पालन कम लागत वाला लाभकारी व्यवसाय है, जिससे ग्रामीण युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ. बृजेश पांडे ने बताया कि इससे किसान अतिरिक्त आय के साथ पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं.
प्रशिक्षण में मधुमक्खी प्रजातियों की पहचान, कॉलोनी प्रबंधन, शहद निकासी और विपणन की जानकारी दी गई.
वैज्ञानिक अटल Biharी तिवारी ने बताया कि मधुमक्खी पालन आमदनी बढ़ाने के साथ कुपोषण निवारण और पर्यावरण संतुलन में भी सहायक है. धन्यवाद ज्ञापन उद्यान वैज्ञानिक सुनील कुमार ने किया.
—————
(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
You may also like
अब चूहे आपके घर में कभी नहीं घुसेंगे` – जानिए चूहे भगाने का अब तक का सबसे कारगर और रामबाण देसी उपाय एक बार आज़माकर देखिए
एमसीबी: जिले में SIS ग्रुप करेगा पंजीयन शिविर का आयोजन, युवाओं को सुरक्षा क्षेत्र में मिलेगा स्थायी रोजगार
अंबिकापुर: दो दिवसीय संक्रमण नियंत्रण प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन
9 अक्टूबर 2025 कर्क राशिफल: व्यापार में होगा अपार धन लाभ, सेहत का रखना होगा ध्यान
मुंबई कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के बाद मचा घमासान, जानिए BMC चुनाव से पहले बनने की जगह क्यों बिगड़ रही बात