वॉशिंगटन, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News). अमेरिका में एच-1बी वीजा को लेकर नए नियम आज (अमेरिकी समयानुसार) 21 सितंबर से लागू हो गए हैं. नये प्रावधानों के तहत अब नए आवेदकों से एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) शुल्क लिया जाएगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इससे जुड़े कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे. इस फैसले से प्रवासी समुदाय में Assamंजस की स्थिति बनी, जिसके बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्टीकरण जारी किया.
व्हाइट हाउस ने किया स्पष्ट
प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने शनिवार को कहा कि एक लाख डॉलर का शुल्क वार्षिक नहीं बल्कि एकमुश्त शुल्क है. यह केवल नए एच-1बी आवेदनों पर लागू होगा. नवीनीकरण या मौजूदा वीजा धारकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा. साथ ही जो लोग पहले से एच-1बी वीजा पर हैं और फिलहाल देश से बाहर हैं, उनसे दोबारा प्रवेश के समय यह शुल्क नहीं लिया जाएगा. नए नियम आगामी एच-1बी लॉटरी चक्र से लागू होंगे.
भारतीय दूतावास ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
भारतीय नागरिकों की सुविधा के लिए अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने आपातकालीन सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिक +1-202-550-9931 (मोबाइल और व्हाट्सएप) पर संपर्क कर सकते हैं. दूतावास ने साफ किया है कि इस नंबर का उपयोग केवल आपात स्थिति में किया जाए, सामान्य वाणिज्य दूतावास संबंधी पूछताछ के लिए नहीं.
ट्रंप ने शुल्क बढ़ाकर किया 1 लाख डॉलर
राष्ट्रपति ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क को औसतन 5 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे एक लाख डॉलर यानी लगभग 88 लाख रुपये कर दिया है. पहले यह वीजा तीन साल के लिए मान्य होता था और उतनी ही अवधि के लिए नवीनीकरण किया जा सकता था. नये प्रावधानों के तहत अब छह साल में इसकी लागत लगभग 5.28 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी.
भारतीय पेशेवरों पर असर
अमेरिका में एच-1बी वीजा धारकों की सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है. 2023 में जहां 1.91 लाख भारतीयों को यह वीजा मिला था, वहीं 2024 में यह संख्या 2.07 लाख तक पहुंच गई. अधिकांश भारतीय पेशेवर टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और रिसर्च क्षेत्रों में काम करते हैं. नए शुल्क ने उनके बीच अनिश्चितता बढ़ा दी है.
कंपनियों ने दी वापसी की सलाह
ट्रंप सरकार के आदेश के बाद Assamंजस और बढ़ गया जब अमेरिकी दिग्गज कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 20 सितंबर तक हर हाल में अमेरिका लौटने की सलाह दी.
क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1बी एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो लॉटरी प्रणाली के तहत तकनीकी और विशेष कौशल वाले पेशेवरों को दिया जाता है. यह मुख्य रूप से आईटी, आर्किटेक्चर और हेल्थ सेक्टर जैसे क्षेत्रों के लिए जारी होता है.
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