झांसी, 13 अप्रैल . झांसी रेल मंडल ने राजस्व सृजन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया है. परंपरागत किराया आय के अतिरिक्त मंडल प्रशासन ने अपारंपरिक स्रोतों के माध्यम से भी राजस्व अर्जन की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं.
मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा एवं वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा ने बताया कि गैर-किराया राजस्व के अंतर्गत झांसी रेल मंडल द्वारा विभिन्न नवाचारी उपाय अपनाए गए, जिनके माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3.45 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया. यह पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान अर्जित 2.36 करोड़ रुपये की तुलना में 46.18 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है.
उपलब्धि में इन अनुबंधों का रहा प्रमुख योगदान
आउट ऑफ होम एडवरटाइजिंग (OOH): स्टेशनों के बाहरी परिसरों में बोर्ड, होर्डिंग आदि के माध्यम से वाणिज्यिक प्रचार.
विनाइल रैपिंग: ट्रेनों के बाहरी हिस्सों पर खिड़कियों के नीचे विज्ञापन लगाने के अधिकार.
रेल डिस्प्ले नेटवर्क: डिजिटल एवं नॉन-डिजिटल माध्यमों से सूचनात्मक और प्रचारात्मक सामग्री का प्रसारण. मोबाइल एसेट्स पर विज्ञापन. प्रतीक्षालय में फुट मसाज सेवा
रेल कोच रेस्टोरेंट की स्थापना: यात्री सुविधा और व्यावसायिक उपयोग का संगम.
मिलेट स्टाल्स : पोषक आहार को बढ़ावा देने हेतु.
जन औषधि केंद्र: किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना.
इन पहलों के माध्यम से न केवल रेलवे की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि सार्वजनिक सुविधा, व्यावसायिक साझेदारी और ब्रांडिंग के क्षेत्र में भी एक सशक्त आधार तैयार हुआ है. झाँसी मंडल का यह प्रयास भारतीय रेल की ‘मेकिंग रेलवेज फ्यूचर रेडी’ दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो नवाचार, आत्मनिर्भरता और राजस्व विविधीकरण को बढ़ावा देता है.
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/ महेश पटैरिया
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