गोरखपुर, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । विगत चार वर्षों से लगातार ज्ञापन व आंदोलनों के माध्यम से गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत छात्रावास से पी.ए.सी. को हटाने एवं छात्रावास को विद्यार्थियों के लिए आवंटित करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संघर्षरत रही है। विद्यार्थी परिषद के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश शासन ने बीते सोमवार को छात्रावास से पी.ए.सी. को हटाने का आदेश जारी किया, जिसके पश्चात लगभग अधिकांश पी.ए.सी के जवान छात्रावास खाली कर चुके हैं।
छात्र हितों के लिए निरंतर संघर्ष करने वाली विद्यार्थी परिषद ने पुनः स्पष्ट किया है कि समय आने पर विद्यार्थियों की लड़ाई को सड़क से संसद तक ले जाने वाला और विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु कार्य करने वाला एकमात्र छात्र संगठन अभाविप ही है।
नाथ चंद्रावत छात्रावास को पी.ए.सी. से मुक्त कराने के आदेश के उपरांत, मंगलवार को अभाविप का प्रतिनिधिमंडल प्रांत मंत्री मयंक राय के नेतृत्व में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो . पूनम टंडन से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपकर छात्रावास का तत्काल नवीनीकरण व मरम्मत कराकर इसे विद्यार्थियों को आवंटित करने की मांग की, ताकि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले उन तमाम विद्यार्थियों को लाभ मिल सके जो सीमित संसाधनों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना लेकर पूर्वांचल के “ऑक्सफोर्ड” कहे जाने वाले इस विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं। अभाविप ने आशा व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र ही मरम्मत कार्य पूर्ण कर छात्रावास को विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध कराएगा, जिससे वे शिक्षा के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका प्रभावी रूप से निभा सकें।
प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि अभाविप का यह संघर्ष केवल एक भवन को खाली कराने का नहीं, बल्कि हजारों विद्यार्थियों के भविष्य और सुविधा से जुड़ा हुआ है। हमारा संकल्प है कि नाथ चंद्रावत छात्रावास शीघ्र मरम्मत होकर विद्यार्थियों को आवंटित किया जाए, ताकि वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ सुलभ आवास सुविधा का लाभ उठा सकें। विद्यार्थी परिषद हमेशा की तरह छात्र हितों के लिए सड़क से संसद तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी।अभाविप का इतिहास गवाह है कि चाहे बात छात्रावास की हो, फीस वृद्धि की या रोजगार की—विद्यार्थी परिषद ने हर मोर्चे पर विद्यार्थी हितों की आवाज बुलंद की है और आगे भी करती रहेगी।”
गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने कहा कि सीमित संसाधनों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना लेकर पूर्वांचल के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले गोरखपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इसी निरंतर संघर्ष का परिणाम है कि विश्वविद्यालय के सबसे बड़े छात्रावास को से पी.ए.सी. से कब्जा मुक्त किया जा रहा है। जो निस्संदेह विद्यार्थियों के हित में ऐतिहासिक कदम है। परिषद विद्यार्थियों के विकास और अधिकारों के लिए पूर्णतः समर्पित है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से प्रांत सह-मंत्री निखिल गुप्ता, अर्पित कसौधन, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य ऋषभ सिंह बिसेन, SFD संयोजक आलोक गुप्ता, विभाग संयोजक शुभम गोविंद राव, महानगर मंत्री अभिषेक मौर्य, विश्वविद्यालय संगठन मंत्री रंजीत सिंह, किशन मिश्रा, हर्षित मालवीय, दीपांशु त्रिपाठी, आर्यन पांडेय, प्रकाश पांडेय आदि उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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