रांची, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Jharkhand की राजधानी रांची का माहौल बुधवार को तब राममय हो गया, जब प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य राजन जी महाराज की त्रिदिवसीय श्रीराम कथा का भव्य शुभारंभ मैथन पैलेस बरियातू में हुआ. कथा के पहले सत्र में हज़ारों की संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे और उत्साह तथा श्रद्धा-भक्ति के साथ कथा का श्रवण किया.
कथा के प्रारंभ में महाराज जी ने रांचीवासियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आपका प्रेम ही है जो खींचकर हमें पुनः Jharkhand की पावन धरती पर ले आया है. आप पूजन-अर्चन और व्यस्त जीवन से समय निकालकर रामकथा में बैठे हैं, यह आपका भक्ति भाव ही है.
शिव-पार्वती विवाह प्रसंग से हुई कथा की शुरुआत
कथा का शुभारंभ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के स्मरण के साथ हुआ. महाराज जी ने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग के माध्यम से कथा प्रवाह को आगे बढ़ाया. उन्होंने बताया कि रामकथा की शुरुआत इसी प्रसंग से इसलिए होती है, क्योंकि गोस्वामी तुलसीदासजी ने संपूर्ण रामकथा शिवजी के श्रीमुख से कहलाई है. इसलिए कथा में प्रथम वंदना भोलेनाथ की होती है.
राजन जी महाराज ने आगे भारद्वाज ऋषि और याज्ञवल्क्य ऋषि के संवाद का उल्लेख करते हुए रामत्व की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि प्रश्न केवल इतना नहीं कि राम कौन हैं? बल्कि यह भी कि हम राम को अपने जीवन में कैसे उतारें. भक्ति सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन के हर कार्य में ईश्वर को केंद्र में स्थापित करना ही सच्ची साधना है.
कथा के बीच-बीच में राजन जी महाराज के प्रस्तुत भजनों ने ऐसा भक्तिमय वातावरण बनाया कि श्रोतागण झूम उठे. उनके गाए भजन आम जनमानस में बेहद लोकप्रिय हैं और सोशल मीडिया पर खूब साझा किए जाते हैं.
राम कथा के पहले दिन स्त्री-पुरुष, युवा और वरिष्ठ नागरिकों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. पूरा पांडाल “जय श्रीराम” और “हर-हर महादेव” के जयघोष से गूंज उठा. आयोजकों के अनुसार अगले दो दिनों तक कथा प्रतिदिन निर्धारित समय पर जारी रहेगी.
आयोजन समिति के सदस्यों ने सभी भक्तों से समय पर पहुंचने और कथा का दिव्य लाभ लेने की अपील की है. इस अवसर पर मुख्य रूप से राम कथा आयोजन ट्रस्ट के संयोजक राजेश गुप्ता, चंदन कुमार, शिव अग्रवाल, पप्पू सिंह, अभिमन्यु प्रसाद, सूरज कुमार , आशुतोष द्विवेदी, संगीता प्रसाद, जितेंद्र, धरणी धर जैना, अमित कुमार सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.—————
(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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