सिरसा, 11 अप्रैल . सिरसा जिला में शुक्रवार को हुई बरसात व ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों व चने की फसल को काफी नुकसान होने का अनुमान है. मंडियों में आई फसल बरसात की भेंट चढ़ गई है. जानकारी के अनुसार जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों पर लाखों क्विंटल सरसों व गेहूं की फसल खुले में पड़ी थी जो बारिश में भीग गई. सिरसा, डबवाली, रानियां, कालांवाली व नाथूसरी चोपटा सहित अन्य खरीद केंद्रों में गेहू भिगने का समाचार है. सिरसा में 16 एमएम बरसात हुई. तेज आंधी के साथ हुई बरसात से खेताें में खड़ी फसल काे भी नुकसान हाेने का अंदेशा है.
किसानों ने बताया कि गेहूं व सरसों की फसल मंडियो में बिकने के लिए जा रही है तथा खेतों में भी अभी गेहूं व सरसों की फसल कटनी अभी बाकी है. खेतों में खड़ी फसलों को भी काफी नुकसान होने का अंदेशा है. वहीं मंडियों में आई गेहूं- सरसों की फसल को बरसात से बचाने के लिए प्रशासन व आढ़तियों की ओर से कोई पुखता इंतजाम नहीं किया गया है, जिसके कारण मंडी में पड़ी किसानो की गेहूं व सरसों की ढेरियां भीग गई है. मंडियों मं आई गेहूं व सरसों का उठान धीमा होने के कारण खुले में पड़ी फसल की ढेरियों को काफी नुकसान हुआ है.
मार्केट कमेटी के ओक्शन रिकॉर्डर प्रमोद कुमार ने बताया कि नाथूसरी चोपटा अनाज मंडी में अभी तक 22000 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है और उठान शुरू नहीं हुआ है, वहीं सरसों की भी 6000 क्विंटल आवक हुई है. बारिश से गेहूं भीगा है. किसान का गेहूं मंडी में पहुंचने के बाद उसको बचाने की जिम्मेदारी आढ़तियों की होती है. यह लाइसेंस देते समय तय किया जाता है कि बारिश से बचाने के लिए तिरपाल व वुडन कैरेट का प्रबंध आढि़तयों को ही करना होगा. अगर ज्यादा बारिश होती है तो यह व्यवस्था लागू करवाई जाएगी.
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/ Dinesh Chand Sharma
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