उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस के दिन एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ तीन युवकों ने बेरहमी से मारपीट की। उन पर जबरन ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने का दबाव डाला गया। इतना ही नहीं, आरोपियों ने बुजुर्ग की दाढ़ी खींची और उनके साथ बदतमीजी की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बुजुर्ग पर हमले की पूरी कहानीपीड़ित बुजुर्ग का नाम रिजवान है, जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के छुटमलपुर गांव के रहने वाले हैं। रिजवान रेलवे में ब्लगर गाड़ी चलाने का काम करते हैं। घटना 15 अगस्त को हुई, जब रिजवान श्रीनगर के बद्रीनाथ धारा देवी मार्ग के पास एक ढाबे पर चाय पीने के लिए रुके थे। इसी दौरान तीन युवकों—मुकेश भट्ट, मनीष और नवीन भंडारी—ने उनसे ‘भारत माता की जय’ बोलने को कहा। रिजवान ने यह नारा बोला, लेकिन जब उन पर ‘जय श्री राम’ कहने का दबाव डाला गया और उन्होंने इसका विरोध किया, तो युवकों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने रिजवान की दाढ़ी खींची और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसके बाद मामला सुर्खियों में आ गया।
पुलिस ने दिखाई तत्परतावीडियो वायरल होने के बाद उत्तराखंड पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस ने वीडियो के आधार पर तीनों आरोपियों की पहचान की और उनकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम गठित की। आरोपियों की पहचान मुकेश भट्ट (श्यामपुर, ऋषिकेश), मनीष (फरसू डूंगरी पथ, श्रीनगर) और नवीन भंडारी (उत्तरकाशी) के रूप में हुई। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया और उन्हें जेल भेज दिया। उत्तराखंड पुलिस ने साफ कहा कि देवभूमि में गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसी हरकत करने वालों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा। पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की।
रिजवान का दर्द: ‘न्याय अधूरा है’घटना के बाद रिजवान अपने गांव छुटमलपुर, सहारनपुर लौट आए। उन्होंने कहा कि वो पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उनके मुताबिक, आरोपियों पर लगाई गई धाराएं बहुत हल्की हैं और इस मामले में और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी। रिजवान को डर है कि अगर वो दोबारा काम पर गए तो उनके साथ फिर से कोई अनहोनी हो सकती है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के बेहट विधायक उमर अली खान ने देर रात रिजवान के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। उमर अली खान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और रिजवान को पूरा न्याय मिले।
क्या है इस घटना का सबक?यह घटना न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। धार्मिक आधार पर किसी के साथ हिंसा और बदतमीजी समाज को पीछे ले जाती है। उत्तराखंड पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन रिजवान की बातें इस ओर इशारा करती हैं कि पीड़ितों को पूरा न्याय दिलाने के लिए अभी और कदम उठाने की जरूरत है।
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