हरियाणा सरकार ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाते हुए प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर पूरे एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से जारी ताजा आदेश के मुताबिक, अब इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है। सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कोई इस नियम को तोड़ता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यह फैसला लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर लिया गया है, क्योंकि तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। केंद्र सरकार ने पहले ही साल 2011 में तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था। अब हरियाणा में बढ़ते कैंसर के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने भी इस दिशा में सख्ती बरतने का फैसला किया है।
गुटखा-तंबाकू पर बैन की वजह क्या है?हरियाणा में हर महीने करीब 2,916 नए कैंसर मरीज सामने आ रहे हैं। यानी हर साल यह आंकड़ा लगभग 35,000 तक पहुंच जाता है। हैरान करने वाली बात ये है कि हर महीने करीब 1,500 लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में की गई जांच में हर एक लाख लोगों में 102 को कैंसर के लक्षण मिले हैं। गुटखा, पान मसाला और तंबाकू में मौजूद निकोटिन, भारी धातु और अन्य हानिकारक रसायन शरीर के लिए जहर का काम करते हैं। इनके लंबे समय तक इस्तेमाल से मुंह, गला, फेफड़े और शरीर के अन्य हिस्सों में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने जनहित में गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर रोक लगाने का फैसला किया।
अब न बेच पाएंगे, न स्टोर कर पाएंगेहरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ने इस आदेश को एक साल के लिए मंजूरी दे दी है। इस दौरान गुटखा, पान मसाला और तंबाकू जैसे निकोटिन युक्त उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न सिर्फ लोगों की सेहत को बचाने के लिए है, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोकने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है।
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