हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक अनोखी कहानी सामने आई है, जहां दो सगे भाइयों, कपिल और प्रदीप नेगी ने एक ही युवती, सुनीता चौहान से शादी की थी। लेकिन अब, शादी के कुछ महीनों बाद ही कपिल नेगी विदेश पहुंच चुके हैं। उन्होंने खुद एक वीडियो शेयर कर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की जानकारी दी है। यह कहानी न केवल उनकी अनोखी शादी की वजह से चर्चा में है, बल्कि कपिल की भावुक पोस्ट ने भी लोगों का ध्यान खींचा है।
विदेश में कपिल ने शुरू की नई पारीकपिल नेगी ने हाल ही में बहरीन पहुंचकर एक वीडियो फेसबुक पर शेयर किया। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि वह अपनी नौकरी पर लौट चुके हैं और यह उनका पहला दिन था। वीडियो में कपिल ने बड़े उत्साह से कहा, “आप सब कैसे हैं? भाई लोग, आज मैंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है। यहाँ शाम के 5 बज चुके हैं।” उन्होंने अपनी टी-शर्ट पर लगे लोगो को दिखाते हुए बताया कि यह उस रेस्तरां का नाम है जहां वह शेफ के तौर पर काम करते हैं। कपिल ने अपनी ड्रेस की तारीफ करते हुए कहा कि यह खास शेफ्स के लिए बनाई गई है। इसके बाद उन्होंने अपने चेहरे पर आए पसीने को दिखाते हुए बताया, “देख सकते हैं, यहाँ कितनी गर्मी है!” फिर उन्होंने रेस्तरां के किचन की एक झलक भी दिखाई।
पत्नी को याद कर भावुक हुए कपिलहालांकि कपिल ने विदेश में अपनी नई शुरुआत की है, लेकिन उनका दिल अपनी पत्नी सुनीता को बहुत मिस कर रहा है। उन्होंने फेसबुक पर सुनीता की एक फोटो शेयर की और उसे “सिरमौरी जोड़ीदार भाई की जान” लिखकर संबोधित किया। इसके साथ ही कपिल ने एक भावुक शायरी भी पोस्ट की, जिसमें लिखा, “रात की चाँदनी हर थकान को सुकून देती है, टिमटिमाते तारे हमारी हर दुआ को ऊपर तक पहुंचाते हैं। दिनभर की भागदौड़ और परेशानियों के बाद ये रात हमें सिखाती है कि हर अंधेरा अपने साथ एक नई सुबह का वादा लेकर आता है। तो चलिए इस प्यारी सी रात को अपनाइए, मन को शांत कीजिए, सपनों की दुनिया में मुस्कुराइए। आपकी नींद मीठी हो, सपने सुहाने हों और आने वाला कल आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ और सफलता लेकर आए।” इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया।
दो महीने पहले हुई थी अनोखी शादीबता दें कि इसी साल जुलाई में सिरमौर के कुंहाट गांव की सुनीता चौहान ने प्रदीप और कपिल नेगी के साथ एक साथ शादी रचाई थी। यह शादी हाटी समुदाय की पुरानी बहुपति प्रथा ‘जोड़ीदारा’ के तहत हुई थी। इस प्रथा को सिरमौर के ट्रांस गिरी क्षेत्र में खास महत्व दिया जाता है। इस शादी में सैकड़ों ग्रामीण और रिश्तेदार शामिल हुए थे। हाटी समुदाय, जो अनुसूचित जनजाति का दर्जा रखता है, सिरमौर के ट्रांस गिरी क्षेत्र के अलावा उत्तराखंड के जौनसार-बावर और रवाई-जौनपुर इलाकों में भी रहता है।
जोड़ीदारा प्रथा: हमारी पहचानइस अनोखी शादी पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए दोनों भाइयों ने कहा कि जोड़ीदारा प्रथा उनकी संस्कृति और पहचान का हिस्सा है। यह प्रथा न केवल संपत्ति के बंटवारे को रोकती है, बल्कि दहेज प्रथा से बचने, भाइयों के बीच एकता बनाए रखने और बच्चों के पालन-पोषण में मदद करती है। इस प्रथा के तहत एक महिला दो या अधिक भाइयों से शादी करती है, जो हाटी समुदाय में सामान्य माना जाता है।
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