बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री की चकाचौंध के पीछे कई बार ऐसी सच्चाइयां छिपी होती हैं, जो दिल दहला देती हैं। कास्टिंग काउच एक ऐसी कड़वी हकीकत है, जिसका सामना न जाने कितनी अभिनेत्रियों को करना पड़ा है। हाल ही में 23 साल की उभरती हुई अभिनेत्री कशिका कपूर ने अपने साथ हुए एक दर्दनाक अनुभव को साझा किया। उनकी कहानी न सिर्फ हैरान करती है, बल्कि इंडस्ट्री के इस अंधेरे पहलू पर रोशनी भी डालती है। आइए, कशिका की इस आपबीती को करीब से जानते हैं।
एक नई शुरुआत और अनचाहा सच
कशिका कपूर ने साल 2024 में फिल्म 'आयुष्मति गीता मैट्रिक पास' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उनकी प्रतिभा को देखकर लगा था कि वह जल्द ही इंडस्ट्री में अपनी जगह बना लेंगी। लेकिन इसके बाद उन्हें पिछले एक साल से कोई काम नहीं मिला। कशिका बताती हैं कि वह लगातार ऑडिशन दे रही हैं, लेकिन हर बार बात कास्टिंग काउच की मांग पर आकर अटक जाती है। यह सुनकर यह सवाल उठता है कि क्या प्रतिभा से ज्यादा कुछ और मायने रखता है?
एक रात का वह कॉल
कशिका ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि एक बार उन्हें रात के तीन बजे एक डायरेक्टर का फोन आया। उस डायरेक्टर ने बेहद असंवेदनशील तरीके से कहा, “मैं तुम्हें काम दूंगा, लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरे साथ सोना होगा।” यह सुनकर कशिका स्तब्ध रह गईं। उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, लेकिन यह घटना उनके मन पर गहरी चोट छोड़ गई। कशिका का कहना है कि यह पहली बार नहीं था, जब उन्हें ऐसी मांग का सामना करना पड़ा। इंडस्ट्री में कदम रखने की चाहत रखने वाली कई युवा अभिनेत्रियों की तरह उन्हें भी बार-बार इस कड़वे सच से रूबरू होना पड़ता है।
हिम्मत और आत्मसम्मान की जीत
कशिका की कहानी सिर्फ दर्द की नहीं, बल्कि हिम्मत और आत्मसम्मान की भी है। उन्होंने हर बार ऐसी मांगों को साफ मना किया और अपनी प्रतिभा पर भरोसा रखा। वह मानती हैं कि कास्टिंग काउच जैसी प्रथाओं को खत्म करने के लिए खुलकर बोलना जरूरी है। कशिका का यह कदम न सिर्फ उनकी हिम्मत को दर्शाता है, बल्कि उन तमाम युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा भी है, जो इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
बदलाव की जरूरत
कशिका कपूर जैसी अभिनेत्रियों की कहानियां हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर कब तक इंडस्ट्री में ऐसी प्रथाएं चलती रहेंगी? समाज और इंडस्ट्री को मिलकर इस मुद्दे पर काम करने की जरूरत है। कास्टिंग काउच के खिलाफ आवाज उठाना और सुरक्षित माहौल बनाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। कशिका की तरह और भी कलाकारों को अपनी कहानियां साझा करने की हिम्मत दिखानी होगी, ताकि यह कड़वा सच खत्म हो सके।
एक उम्मीद की किरण
कशिका कपूर की कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलों के बावजूद हार नहीं माननी चाहिए। वह आज भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं। उनकी यह बेबाकी और आत्मविश्वास नई पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। कशिका का मानना है कि अगर आप अपनी प्रतिभा और मेहनत पर भरोसा रखें, तो कोई भी मुश्किल आपको रोक नहीं सकती।
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