देहरादून के मुख्य सेवक सदन में शनिवार को एक खास मौका था। उपनल कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दिल से आभार जताया। यह समारोह उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण की दिशा में ठोस नीति की घोषणा के लिए आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर न केवल कर्मचारियों की मेहनत को सराहा, बल्कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उन्हें सेवा का मौका दिया। यह पल उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
नियमितीकरण की राह पर कदम
मुख्यमंत्री धामी ने ऐलान किया कि राज्य सरकार जल्द ही एक मजबूत और प्रभावी नीति बनाएगी, जिसके तहत उपनल कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाएगा। यह प्रक्रिया तय समय में पूरी होगी। धामी ने कहा कि इससे न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी नई ऊंचाई मिलेगी। कई सालों से उपनल कर्मचारी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। उनकी मेहनत को सम्मान देने का यह कदम ऐतिहासिक है।
कर्मचारियों के लिए और भी सौगातें
मुख्यमंत्री ने उपनल कर्मचारियों पर धरने के दौरान दर्ज मुकदमों की समीक्षा का भरोसा भी दिलाया। इसके अलावा, पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और बेटियों को 'ड्रोन दीदी' योजना के तहत प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। साथ ही, 60 साल से अधिक उम्र के पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को मुफ्त बद्रीनाथ यात्रा का तोहफा दिया जाएगा। धामी ने कहा कि सरकार वादे पूरे करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। महिलाओं को 30% सरकारी नौकरी आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण, समान नागरिक संहिता और सख्त भू-कानून जैसे फैसले इसका सबूत हैं।
सैनिकों और शहीदों के लिए सम्मान
मुख्यमंत्री ने बताया कि एक फौजी के बेटे होने के नाते वह सैनिकों और उनके परिवारों की चुनौतियों को अच्छी तरह समझते हैं। सरकार ने शहीदों के आश्रितों की अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया है। शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन की समय सीमा अब 5 साल होगी। परमवीर चक्र विजेताओं की प्रोत्साहन राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये किया गया है। देहरादून में गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम का निर्माण भी शहीदों की स्मृति को सम्मान देने का प्रयास है।
उपनल कर्मचारियों के लिए और राहत
उपनल कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता अब हर तीन महीने की बजाय हर महीने मिलेगा। 10 साल से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को 5000 रुपये और 10 साल से ज्यादा अनुभव वालों को 6000 रुपये मासिक भत्ता दिया जा रहा है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारी के निधन पर उनके परिवार को मिलने वाली राशि 15 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई है। साथ ही, कर्मचारियों की बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता के हर वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। शहीदों की वीर नारियों, युद्ध में घायल सैनिकों और पूर्व सैनिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। चाहे वह 25 लाख की संपत्ति खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट हो या शहीद कोष से 10 लाख की एकमुश्त मदद, सरकार हर कदम पर सैनिकों और कर्मचारियों के साथ है। यह समारोह न केवल उपनल कर्मचारियों के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि उत्तराखंड सरकार अपने लोगों की भलाई के लिए कितनी गंभीर है।
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