सरकारी कर्मचारियों के लिए वो खुशखबरी आ गई है, जिसका महीनों से इंतजार था. केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है. अब हर कोई यही सोच रहा है कि सैलरी कब और कितनी बढ़ेगी? जो कर्मचारी अभी 45,000 रुपये महीना कमा रहा है, वो तो बस कल्पना करके खुश हो रहा है कि अब जेब में हजारों नहीं, बल्कि लाखों का फर्क पड़ेगा. लेकिन असलियत क्या है? चलिए, असली कैलकुलेशन देखते हैं.
वेतन आयोग कैसे तय करता है सैलरी का फॉर्मूला?हर बार की तरह इस बार भी आयोग सिर्फ पुरानी सैलरी चेक नहीं करेगा, बल्कि भविष्य में वेतन कैसे बढ़ेगा, इसका पूरा फॉर्मूला बनाएगा. आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार फिटमेंट फैक्टर तय करती है. यही फैक्टर बेसिक सैलरी और पेंशन दोनों को बढ़ाता है. आसान भाषा में कहें तो ये एक गुणा करने वाला नंबर है – जितना बड़ा फैक्टर, उतनी ज्यादा सैलरी!
फिटमेंट फैक्टर क्या है और ये कैसे काम करता है?मान लो किसी की बेसिक सैलरी अभी 35,000 रुपये है. 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, तो नई सैलरी बनी 35,000 × 2.57 = 89,950 रुपये. अब अगर 8वें आयोग में फैक्टर 2.0 से 2.5 के बीच रहा, तो वही सैलरी 70,000 से 87,500 रुपये तक पहुंच सकती है. मतलब, एक झटके में 30,000 से ज्यादा का फायदा!
45,000 की सैलरी पर 8वें वेतन आयोग का कितना असर?अगर कोई अभी कुल 45,000 रुपये महीना पा रहा है, तो इसमें बेसिक पे, डीए, HRA और दूसरे भत्ते शामिल हैं. मान लीजिए बेसिक पे 18,000 रुपये है. 7वें आयोग में इसे 2.57 से गुणा किया गया. अब अगर 8वें में फैक्टर 3.0 या 3.1 तक जाता है, तो नई बेसिक सैलरी 54,000 से 56,000 रुपये हो सकती है.
फिर इसमें 35-42% डीए और बाकी भत्ते जोड़ें, तो कुल सैलरी 78,000 से 85,000 रुपये महीना तक जा सकती है. यानी 45,000 वाली सैलरी में 30,000 से 40,000 रुपये तक की जबरदस्त बढ़ोतरी!
8वां वेतन आयोग कब से लागू होगा?अभी 7वां वेतन आयोग 2016 से चल रहा है और आमतौर पर हर 10 साल में नया आता है. ऐसे में 8वां आयोग 2028 से लागू हो सकता है. लेकिन वित्त मंत्रालय से अभी कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.
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