पटना। बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की मार्गदर्शिका सोमवार को जारी कर दी गई। इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना होगा। यह योजना हर परिवार की एक महिला को उद्यमी बनाने का सुनहरा मौका दे रही है।
जीविका समूह से जुड़कर मिलेगा लाभग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश सिंह ने बताया कि जीविका समूह से जुड़ी हर महिला इस योजना की पात्र होगी। एक परिवार से केवल एक महिला को इसका लाभ मिलेगा। जल्द ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार का मकसद है कि हर परिवार की एक महिला न सिर्फ आत्मनिर्भर बने, बल्कि अपने रोजगार के जरिए समाज में नई पहचान बनाए।
10,000 रुपये की पहली किस्त, फिर 2 लाख तक की मददइस योजना के तहत हर पात्र महिला को अपने पसंद का बिजनेस शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। इसके बाद, उनके बिजनेस का आकलन कर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जा सकती है। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए भेजी जाएगी।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?लोकेश सिंह ने बताया कि परिवार का मतलब है- पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे। अगर कोई अविवाहित वयस्क महिला है, जिसके माता-पिता जीवित नहीं हैं, तो उसे एकल परिवार माना जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को जीविका समूह से जुड़कर ग्राम संगठन में स्वघोषणा और आवेदन जमा करना होगा।
पात्रता के लिए कुछ शर्तें हैं:
- महिला की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- न तो आवेदिका, न उनके पति या पिता आयकर दाता हों।
- आवेदिका या उनके पति सरकारी नौकरी (नियमित या संविदा) में नहीं होने चाहिए।
खास बात यह है कि यह योजना शहरी क्षेत्र की महिलाओं के लिए भी उपलब्ध होगी। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग जल्द ही नगर विकास और आवास विभाग के साथ समन्वय करेगा।
आवेदन का प्रारूप तैयार, 18 तरह के बिजनेस विकल्पग्रामीण विकास विभाग ने आवेदन के लिए फॉर्म का प्रारूप भी जारी कर दिया है। योजना के तहत 18 तरह के व्यवसाय शुरू करने के विकल्प दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- फल, जूस और डेयरी प्रोडक्ट की दुकान
- सब्जी और फल की दुकान
- किराना, प्लास्टिक सामग्री, बर्तन, खिलौना और जनरल स्टोर
- ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग, मोबाइल बिक्री और रिपेयरिंग
- स्टेशनरी, फोटोकॉपी, खाद्य सामग्री की दुकान
- ब्यूटी पार्लर, कॉस्मेटिक, कृत्रिम ज्वेलरी
- कपड़ा, फुटवियर, सिलाई दुकान
- बिजली उपकरण, बकरी पालन, मुर्गी पालन, गौ पालन
- ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा और कृषि कार्य
यह योजना बिहार की महिलाओं के लिए एक नई राह खोल रही है। चाहे गाँव हो या शहर, हर महिला को अपने सपनों को हकीकत में बदलने का मौका मिलेगा। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं, तो जल्द से जल्द अपने नजदीकी जीविका समूह से जुड़ें और आवेदन करें।
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